भारत ने कच्चे और परिष्कृत खाद्य तेलों पर मूल आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की है, सरकार ने शुक्रवार को कहा। यह कदम देश के तेल बीज किसानों का समर्थन करने के प्रयास में उठाया गया है, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है।
इस फैसले से खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे मांग में गिरावट और विदेशी खरीद में कमी हो सकती है। खासकर पाम ऑयल, सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल के आयात पर असर पड़ेगा।
शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, नई दिल्ली ने 14 सितंबर से कच्चे पाम ऑयल, कच्चे सोया ऑयल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर 20% मूल कस्टम्स ड्यूटी लागू की है।
इससे इन तीनों तेलों पर कुल आयात शुल्क 5.5% से बढ़कर 27.5% हो जाएगा, क्योंकि भारत इन तेलों पर कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास सेस भी लगाता है।
परिष्कृत पाम ऑयल, परिष्कृत सोया ऑयल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल के आयात पर 35.75% आयात शुल्क लगेगा, जो पहले 13.75% था।
भारत अपनी 70% से अधिक वनस्पति तेल की मांग आयात के जरिए पूरा करता है। वह मुख्य रूप से पाम ऑयल इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से आयात करता है, जबकि सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल अर्जेंटीना, ब्राज़ील, रूस और यूक्रेन से आयात किए जाते हैं।