जीएसटी प्राधिकरण ने सॉफ्टी आइसक्रीम को दूध उत्पाद मानने से इनकार कर दिया है। प्राधिकरण ने कहा कि इसका मुख्य घटक दूध नहीं, बल्कि चीनी है। राजस्थान बेंच ऑफ जीएसटी अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) ने सॉफ्टी आइसक्रीम को दूध उत्पाद मानने से इनकार करते हुए कहा कि इसका प्रमुख घटक दूध नहीं, बल्कि चीनी है। इसलिए, सॉफ्टी को उन दूध उत्पादों की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता जिन पर 5% जीएसटी लगाया जाता है। इस प्रकार, इस पर 18% जीएसटी चुकाना होगा।
VRB कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स नामक कंपनी ने अपनी वनीला मिक्स को 5% जीएसटी वाली उत्पाद श्रेणी में शामिल करने के लिए प्राधिकरण में आवेदन किया था। कंपनी ने कहा कि यह उत्पाद प्राकृतिक दूध के घटकों से बना है और इस पर 5% जीएसटी लगाया जाना चाहिए। कंपनी इस उत्पाद को संस्थागत खरीदारों को बेचती है, जो इसका उपयोग सॉफ्टी आइसक्रीम बनाने में करते हैं। कंपनी ने तर्क दिया कि इस मिक्स को 0404 हेडिंग के तहत वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जो ‘प्राकृतिक दूध के घटकों से बने उत्पादों’ को कवर करता है – चाहे उनमें चीनी या स्वीटनर मिलाए गए हों या नहीं।
प्राधिकरण ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस उत्पाद का प्रमुख घटक चीनी (61.2%) है, न कि दूध के ठोस अंश (34%), जो चीनी में मिलाए जाते हैं। चूंकि इस उत्पाद में 61% से अधिक चीनी है, इसलिए प्राधिकरण ने निष्कर्ष निकाला कि ‘दूध के ठोस अंश चीनी में मिलाए जाते हैं’, न कि ‘चीनी दूध के ठोस अंश में मिलाई जाती है’।
अपने निर्णय में, प्राधिकरण ने कहा कि सॉफ्टी आइसक्रीम में स्टेबलाइज़र और फ्लेवरिंग जैसे एडिटिव्स भी मिलाए जाते हैं, जिससे यह ‘प्राकृतिक’ दूध उत्पादों की श्रेणी से बाहर हो जाती है। इस आधार पर, आवेदक का इस उत्पाद को ‘दूध उत्पादों’ के तहत वर्गीकृत करने का तर्क खारिज कर दिया गया। दूध उत्पादों को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं। इससे पहले, AAR ने लस्सी, जो कि एक किण्वित दूध उत्पाद है, को जीएसटी मुक्त घोषित किया था, लेकिन फ्लेवर्ड दूध पर 12% जीएसटी लगाया गया था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, AKM ग्लोबल के पार्टनर-टैक्स संदीप सहगल ने कहा कि यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के अमृत फूड्स के फैसले के विपरीत है, जहां अदालत ने ‘मिल्कशेक मिक्स’ और ‘सॉफ्ट सर्व मिक्स’ को संस्थागत बिक्री के लिए “डेयरी उत्पाद” के रूप में वर्गीकृत किया था, जो चैप्टर सब-हेडिंग 0404.90 के अंतर्गत आता है।