प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के विजन के तहत, गुजरात ने देश की पहली ‘गुजरात सेमीकंडक्टर नीति 2022-2027’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर निर्माण में खुद को एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, इस नीति का लक्ष्य सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाना और बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करना है।
गुजरात बना सेमीकंडक्टर नीति लागू करने वाला पहला राज्य
महत्वपूर्ण निवेश और परियोजनाएँ
गुजरात ने प्रमुख वैश्विक कंपनियों से निवेश आकर्षित करने में सफलता पाई है और कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो चुका है। हाल ही में मुख्यमंत्री पटेल ने साणंद में माइक्रॉन के सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्ट, मार्क और पैक (ATMP) प्लांट का शिलान्यास किया, जिसकी कुल लागत 22,500 करोड़ रुपये से अधिक है। ढोलेरा में, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) और ताइवान की पॉवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन (PSMC) मिलकर भारत की पहली एआई-सक्षम सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा स्थापित कर रही हैं, जिसमें 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो रहा है।
इसके अलावा, सीजी पावर और रेनसास मिलकर साणंद में अत्याधुनिक OSAT (आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) सुविधा में 7,500 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं, जबकि केनेस सेमिकॉन की साणंद में स्थापित सुविधा हर दिन लगभग 60 लाख चिप्स का उत्पादन करेगी, जिसमें 3,300 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
गुजरात सेमीकंडक्टर नीति के तहत प्रोत्साहन और सहायता
गुजरात सरकार सेमीकंडक्टर इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान कर रही है। कंपनियों को पूंजीगत व्यय पर 40% की सब्सिडी, स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क पर एकमुश्त 100% रिफंड, और बिजली एवं पानी की दरों में छूट दी जा रही है। ढोलेरा के ‘सेमिकॉन सिटी’ में स्थापित इकाइयों के लिए भूमि अधिग्रहण पर 75% तक की सब्सिडी दी जा रही है, जो सेमीकंडक्टर निवेश के लिए एक आकर्षक माहौल प्रदान करती है।
रोजगार और सतत विकास की दिशा में एक कदम
इस पहल से गुजरात में लगभग 53,000 उच्च-कुशल रोजगार सृजित होंगे, जो सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता के भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे। यह नीति केंद्र सरकार के ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के साथ भी जुड़ी हुई है, जिसके तहत 2021 में घरेलू सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भविष्य की ओर एक मजबूत कदम
गुजरात की सेमीकंडक्टर नीति भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलने के लिए एक साहसिक कदम का प्रतीक है। बड़े पैमाने पर निवेश और सरकारी समर्थन के साथ, राज्य देश के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहा है, जिससे रोजगार का सृजन और एक आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर उद्योग का निर्माण हो रहा है।