भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बढ़ती चार्जिंग मांग को पूरा करने और 2030 तक 30% से अधिक इलेक्ट्रिफिकेशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 16,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की आवश्यकता है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई।
फिक्की द्वारा जारी रिपोर्ट “इलेक्ट्रिक वाहन पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: 2030 रोडमैप” के अनुसार, वर्तमान में भारत में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की वित्तीय स्थिति कमजोर है। उपयोग दरें 2% से भी कम हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लाभप्रदता और विस्तार के लिए 2030 तक उपयोग दर को 8-10% तक बढ़ाने का लक्ष्य होना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, “उदाहरण के लिए, वर्तमान में बिजली शुल्क की संरचना में फिक्स्ड चार्ज शामिल है, चाहे ऊर्जा की खपत कम हो या अधिक। इसके साथ ही सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर कम उपयोग दर के कारण ब्रेक-ईवन तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में फिक्स्ड टैरिफ कम या शून्य है, जबकि अन्य राज्यों में फिक्स्ड टैरिफ अधिक है, जिससे यह व्यवस्था आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो जाती है।”
रिपोर्ट में नीतिनिर्माताओं, उद्योग जगत के खिलाड़ियों और सरकारी निकायों से भारत को स्वच्छ ऊर्जा और स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सिफारिश की गई है।
सार्वजनिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देने में पांच प्रमुख चुनौतियों का उल्लेख किया गया है। ये चुनौतियां हैं- सीमित वित्तीय व्यवहार्यता, डिस्कॉम या बिजली संबंधित समस्याएं, भूमि से जुड़ी समस्याएं, संचालन संबंधी चुनौतियां, और मानकीकरण एवं इंटर-ऑपरेबिलिटी।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि EV चार्जिंग सेवाओं पर GST दर को 18% से घटाकर 5% किया जाए, जैसा कि EV मूल्य श्रृंखला के अन्य क्षेत्रों में लागू है। इसके साथ ही दो-भाग टैरिफ को एकल-भाग टैरिफ में बदलने और राज्यों में एक समान मूल्य निर्धारण लागू करने की सिफारिश की गई है।
इसके अलावा, राज्यों को इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (E3W) को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने का सुझाव दिया गया है, जैसे E3W खरीदने के लिए परमिट की आवश्यकता खत्म करना। साथ ही, मौजूदा CNG थ्री-व्हीलर परमिट का उपयोग E3W पर स्थानांतरित करने की अनुमति देना।
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि राज्य-स्तरीय सेल का गठन किया जाए, जिसमें उद्योग, राज्य और केंद्रीय प्राधिकरणों के प्रतिनिधित्व हों, ताकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के रोडमैप को लागू करने और निगरानी करने में मदद मिल सके।
एक अन्य सिफारिश में, रिपोर्ट ने सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (PCS) की स्थापना और संचालन के लिए दिशानिर्देशों को अनिवार्य करने के लिए पावर मंत्रालय से अपील की है, ताकि राज्य वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) समय पर PCS स्थापित कर सकें।
इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट ने 700 से अधिक शहरों में EV बिक्री के आधार पर शीर्ष 40 शहरों और 20 राजमार्गों को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया है, ताकि सार्वजनिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ाया जा सके।
इन 40 प्रमुख शहरों में अगले 3-5 वर्षों में EV की उच्च पैठ होने की उम्मीद है, क्योंकि इन राज्यों की वर्तमान EV अपनाने की दर और अनुकूल नीतियां इसे समर्थन दे रही हैं। साथ ही, इन 40 शहरों को जोड़ने वाले 20 राजमार्ग खंड कुल वाहनों के 50% यातायात में योगदान करते हैं।