भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे Amazon और Flipkart के अधिकारियों को विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के तहत भारत की वित्तीय अपराध एजेंसी द्वारा तलब किया जाएगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के बयानों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है। यह घोषणा उन विक्रेताओं पर हुई छापेमारी के बाद आई है जो इन ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ जुड़े हुए हैं।
इस समन से यह संकेत मिलता है कि Walmart के स्वामित्व वाली Flipkart और Amazon पर नियामक की निगरानी बढ़ रही है, खासकर ऐसे समय में जब भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में इन कंपनियों की बिक्री $70 बिलियन की तेज वृद्धि का सामना कर रही है। एक भारतीय प्रतिस्पर्धा जांच में भी सामने आया है कि ये दोनों कंपनियां कुछ चुनिंदा विक्रेताओं का पक्ष लेकर कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) इन कंपनियों पर इस आरोप की भी जांच कर रहा है कि वे चुनिंदा विक्रेताओं के माध्यम से अपने सामान के इन्वेंटरी पर नियंत्रण रखते हैं, जबकि ई-कॉमर्स कंपनियां दावा करती हैं कि वे भारतीय कानूनों का पालन कर रही हैं। भारतीय कानून के तहत विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को उन उत्पादों का इन्वेंटरी रखने की अनुमति नहीं है जो वे अपनी वेबसाइट पर बेचती हैं; उन्हें केवल ऐसे प्लेटफार्म के रूप में काम करना है जो खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ता है।
शुक्रवार से जारी यह छापेमारी शनिवार तक चली और सरकारी सूत्र के अनुसार, इससे विदेशी निवेश नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई है। हालांकि, इस छापेमारी के विस्तृत विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। सरकारी सूत्र ने यह भी खुलासा किया कि ED पिछले पाँच वर्षों में इन कंपनियों के विक्रेताओं से हुए व्यापारिक डेटा की गहन जाँच करेगी।
पिछले वर्ष भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में Flipkart का 32 प्रतिशत और Amazon का 24 प्रतिशत हिस्सा था, जिससे ये दोनों मिलकर $834 बिलियन के खुदरा क्षेत्र का 8 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। Amazon और Flipkart पर चल रही एंटीट्रस्ट जांच के निष्कर्षों से प्रेरित होकर हुई इस छापेमारी में पाया गया कि ये प्लेटफ़ॉर्म “इन्वेंटरी पर पूरा नियंत्रण रखते हैं और विक्रेता केवल नाम मात्र की कंपनियाँ हैं।”
मामले से जुड़े दो अन्य सूत्रों के अनुसार, पिछले सप्ताह Amazon के कम से कम दो विक्रेताओं और Flipkart के चार विक्रेताओं पर छापे मारे गए। Reuters की 2021 में Amazon के आंतरिक दस्तावेजों पर आधारित एक जांच में यह खुलासा हुआ था कि भारतीय कानूनों के खिलाफ जाकर कंपनी कुछ बड़े विक्रेताओं के इन्वेंटरी पर प्रमुख नियंत्रण रखती है। सूत्रों में से एक ने बताया कि Appario, जो पहले भारत में Amazon का सबसे बड़ा विक्रेता था, उन विक्रेताओं में शामिल था जिन पर पिछले सप्ताह छापेमारी की गई थी। अधिकारियों ने वित्तीय रिकॉर्ड की जाँच की और अमेरिकी-आधारित ई-कॉमर्स कंपनी के साथ उनके व्यापारिक संबंधों पर सवाल किए।
भारत में ऑनलाइन शॉपिंग और डिलीवरी प्लेटफार्मों को छोटे व्यापारियों के लिए अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं के आरोपों के चलते बढ़ती जाँच का सामना करना पड़ रहा है।