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Friday, November 22, 2024
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IREDA को उम्मीद, जल्द मिलेगी हिस्सेदारी घटाने की मंजूरी; मार्च 2025 तक ₹4,500-5,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य

सरकारी कंपनी इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) को जल्द ही केंद्र सरकार से अपनी हिस्सेदारी घटाने की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। IREDA के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने एक इंटरव्यू में यह जानकारी दी।

नई फंडिंग जुटाने के लिए IREDA ने सरकार से अपनी हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत तक घटाने का अनुरोध किया है। दास ने बताया कि कंपनी मार्च 2025 तक ₹4,500 करोड़ से ₹5,000 करोड़ तक जुटाने की योजना बना रही है।

दास ने कहा, “हमने सरकार से नई इक्विटी जुटाने के लिए हिस्सेदारी घटाने का अनुरोध किया है और बातचीत अंतिम चरण में है। हमें जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। हमने 10 प्रतिशत तक हिस्सेदारी घटाने का अनुरोध किया है। अब देखना यह है कि सरकार कितनी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लेती है।”

अगस्त के अंत में, IREDA के बोर्ड ने कंपनी की फंड जुटाने की योजना को फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) या अन्य माध्यमों के जरिए मंजूरी दी थी।

दास ने आगे बताया कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में लगभग ₹24,000 करोड़ से ₹25,000 करोड़ तक कर्ज जुटाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि IREDA ने गिफ्ट सिटी में अपनी सहायक कंपनी को स्थापित किया है, और मौजूदा उधारकर्ता वहां से ऋण लेने में रुचि दिखा रहे हैं। कंपनी इसके लिए एक नीति ढांचे पर काम कर रही है।

“आम तौर पर उधारदाता को उधारकर्ताओं की चिंता होती है, लेकिन हमारे मामले में स्थिति अलग है। हमारे पास पहले से ही उधारकर्ता हैं, जो अपने घरेलू और विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए फॉरेक्स फंडिंग चाहते हैं,” दास ने कहा।

गौरतलब है कि IREDA ने मई 2024 में गुजरात के गिफ्ट सिटी में इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (IFSC) में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी की स्थापना की थी।

सरकारी एजेंसियाँ अब अपनी हिस्सेदारी घटाकर भी पैसे जुटाने को मजबूर हो गई हैं? क्या देश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि सरकारी कंपनियों को अपने हिस्से बेचने की नौबत आ गई है? और अगर उधारकर्ता पहले से ही मौजूद हैं तो इतनी लंबी योजना बनाकर पैसा जुटाने की क्या ज़रूरत है? क्या देश में अब निवेशक विश्वास का भी संकट पैदा हो रहा है?

इस तरह की खबरें आने से यह सवाल उठता है कि क्या यह कदम नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक दूरगामी योजना का हिस्सा है या फिर सिर्फ तत्काल आर्थिक संकट से निपटने का अस्थायी समाधान?

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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