मिंत्रा, भारत का प्रमुख ई-कॉमर्स फैशन प्लेटफॉर्म, को जयपुर स्थित एक गैंग ने ₹1.1 करोड़ की ठगी का शिकार बनाया है। यह धोखाधड़ी इस वर्ष मार्च से जून के बीच की गई थी, और कंपनी द्वारा एक आंतरिक ऑडिट के दौरान इसका खुलासा हुआ। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिसमें मिंत्रा के ऐप और वेबसाइट पर ब्रांडेड वस्त्रों के फर्जी बड़े ऑर्डर किए गए थे।
धोखाधड़ी की रणनीति
रिफंड धोखाधड़ी की कार्यविधि
धोखेबाजों ने मिंत्रा को धोखा देने के लिए एक जटिल रणनीति अपनाई थी। वे जूते, कपड़े, हैंडबैग्स, सौंदर्य प्रसाधन, घड़ियाँ, और आभूषण जैसी ब्रांडेड वस्तुओं के लिए बड़े ऑर्डर देते थे। ऑर्डर मिलने के बाद, वे उत्पाद की कमी या रंग मेल न खाने की शिकायत करते और रिफंड मांगते। उदाहरण के लिए, अगर 10 जोड़ी ब्रांडेड जूते का ऑर्डर दिया गया था, तो वे यह दावा करते थे कि केवल पाँच जोड़ी ही डिलीवर हुई हैं।
धोखाधड़ी का केंद्र
मिंत्रा का नुकसान बेंगलुरु से जुड़ा हुआ
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि अधिकांश धोखाधड़ी वाले ऑर्डर बेंगलुरु में डिलीवर किए गए थे। मिंत्रा डिजाइंस एन्फोर्समेंट ऑफिसर सरदार एमएस ने पुलिस को बताया कि कंपनी का नुकसान लगभग 5,529 धोखाधड़ी वाले ऑर्डरों से हुआ था, जिन्हें शहर के विभिन्न पतों पर डिलीवर किया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान आधारित गैंग पर इस धोखाधड़ी का शक जताया जा रहा है, क्योंकि लगभग सभी ऑर्डर जयपुर से ही दिए गए थे।
डिलीवरी धोखाधड़ी
कुछ ऑर्डर व्यावसायिक स्थलों पर डिलीवर किए गए
धोखेबाजों ने बड़ी चतुराई से बेंगलुरु और अन्य मेट्रो शहरों में डिलीवरी के लिए पतों का इस्तेमाल किया। कुछ ऑर्डर तो चाय की दुकानों, दर्जी की दुकानों या स्टेशनरी स्टोर जैसे व्यावसायिक स्थलों पर भी डिलीवर किए गए। हालांकि मिंत्रा ने धोखाधड़ी वाले ऑर्डरों से हुए नुकसान की शिकायत पूरे देश में दर्ज करने का योजना बनाई थी, लेकिन बेंगलुरु पुलिस ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को सलाह दी है कि वे अपनी शिकायत को केवल बेंगलुरु में हुई डिलीवरी में हुए नुकसान तक ही सीमित रखें।