साउथ अफ्रीका की Naspers Ltd और उसकी निवेश शाखा Prosus NV के नए सीईओ फ़ैब्रिसियो ब्लॉइसी ने जुलाई में कार्यभार संभाला और अगले चार सालों में इस 110 साल पुरानी कंपनी का मूल्य दोगुना करने का संकल्प लिया है। ब्लॉइसी, जो एक स्टार्टअप के पूर्व संस्थापक हैं, अब दुनिया भर में वैसी ही सफलता दोहराने की तलाश में हैं, जैसी Prosus ने 2001 में मात्र 34 मिलियन डॉलर के निवेश से चीन की टेनसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड में 50% हिस्सेदारी खरीद कर हासिल की थी। इस निवेश ने कंपनी को लगभग 125 बिलियन डॉलर का लाभ दिलाया।
47 वर्षीय ब्राज़ीलियाई ब्लॉइसी ने हाल ही में भारत और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रति अपनी मजबूत उम्मीदों और यूरोप के पिछड़ने के जोखिम के बारे में चर्चा की। इस बातचीत को संक्षिप्तता के लिए संपादित किया गया है।
प्रश्न: अगले कुछ वर्षों में Prosus का मूल्य $100 बिलियन तक बढ़ाने की योजना है। आपके लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
ब्लॉइसी का उत्तर: किसी भी व्यवसाय में सबसे मूल्यवान चीज उसके लोग और उसकी संस्कृति होती है — इनोवेशन, कम्युनिकेशन और एडाप्टेशन का तरीका। किसी कंपनी की असल विशेषता यह नहीं होती कि वह किन प्रोडक्ट्स में निवेश कर रही है, बल्कि यह होती है कि वह कैसे आगे बढ़ रही है और खुद को बदल रही है। मेरी सबसे बड़ी चुनौती एक मजबूत टीम का न होना होगी, और यही मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य है।
ब्लॉइसी का कहना है कि टीम का एकजुट होकर भविष्य की कल्पना करना, उसे साकार करना और हमेशा नवाचार के लिए तैयार रहना, कंपनी की सफलता का मुख्य आधार है। अब सवाल उठता है कि इतने बड़े और अनुभवी निवेश समूह में यह तो सिर्फ़ बातें हैं, असल में कितनी तेजी से ये बदलाव देखने को मिलेंगे?
भारत के बाज़ार के प्रति रूझान क्यों?
Prosus ने सात साल पहले भारत में निवेश शुरू किया था और आज इसने वहां बड़ी सफलता हासिल की है। ब्लॉइसी का मानना है कि भारत एक ऐसा विशाल बाजार है, जो अनोखे तरीके से नवाचार कर रहा है। न केवल वे दूसरों की नकल कर रहे हैं बल्कि 1.5 बिलियन लोगों के लिए नए समाधान भी ला रहे हैं। भारत में ग्रोथ का माहौल ऐसा है कि यह न केवल सेवाओं के निर्यात के माध्यम से बल्कि अपनी सेवाओं के नवाचार के माध्यम से भी बढ़ता रहेगा।
AI को leverage करने में Prosus क्या सीख रहा है?
Prosus का मानना है कि सभी मार्केट्स में एआई का इस्तेमाल कंपनी के कामकाज में व्यापक बदलाव ला सकता है। कंपनी की योजनाओं के अनुसार 30,000 कर्मचारियों में से 10,000 लोग प्रतिदिन एआई का उपयोग करेंगे ताकि उनका कार्य बेहतर ढंग से हो सके। पर सवाल यह है कि क्या वाकई इस एआई उपयोग से कंपनी के कर्मचारियों और उनके ग्राहकों की असली समस्याओं का समाधान होगा या ये सिर्फ़ एक और तकनीकी शोपीस बनकर रह जाएगा?
Tencent से अनुभव लेकर Prosus क्या सीख रहा है?
Tencent में निवेश से Prosus को यह विश्वास हो गया कि बड़े व्यवसाय को स्थापित करना संभव है, और वे इसे दोबारा करेंगे। 20 साल पहले जब Prosus ने चीन में निवेश किया था, तब किसी को विश्वास नहीं था कि एक बड़ा व्यवसाय बन सकता है। आज Prosus वही संभावना भारत में देख रहा है।
Prosus में ब्लॉइसी के आने का मतलब क्या है?
ब्लॉइसी कहते हैं कि उनके आने से Prosus में नवाचार, बदलाव और नई चीज़ें सीखने का मौका मिलेगा। कंपनी जो पिछले 10 वर्षों से करती आ रही है, उसे जारी रखकर वह आगे नहीं बढ़ पाएगी। Prosus के डीएनए में ही खुद को दोबारा गढ़ना है, और यही ब्लॉइसी का उद्देश्य है।
और आखिर में, क्या देख रहे हैं ब्लॉइसी?
ब्लॉइसी ने SpaceX के Starship लैंडिंग से प्रेरणा ली। यह दिखाता है कि जो असंभव लगता था, वह अब हो रहा है। लेकिन यहां यूरोप की एक चिंता भी सामने आती है — वर्तमान में वहां अत्यधिक नियम और नौकरशाही है, और यदि यूरोप तेज़ी से नहीं बदला तो वह वैश्विक दौड़ में पीछे रह सकता है।
निगाहें और हाथ, बस सब कुछ बदलने की तैयारी में: Prosus में ब्लॉइसी का यह आत्मविश्वास और “हर चीज़ में बदलाव” की बात एक भव्य दृष्टिकोण तो लगती है, लेकिन क्या यह महत्वाकांक्षी योजना असलियत में उतनी ही जल्दी धरातल पर उतरेगी, जितनी जल्दी एआई और स्पेसक्राफ्ट उड़ान भर रहे हैं?