पंजाब पुलिस ने रविवार को अंतर्राज्यीय साइबर अपराधियों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसने प्रमुख उद्योगपति श्री पॉल ओसवाल से 7 करोड़ रुपये की ठगी की थी।
लुधियाना के पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे 5.25 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई है।
उन्होंने बताया कि इस गिरोह के अन्य सात सदस्यों की पहचान हो चुकी है और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं। गिरोह के सभी नौ सदस्य असम और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
अपराधियों ने वर्धमान ग्रुप के मालिक एस. पी. ओसवाल को 7 करोड़ रुपये की ठगी के माध्यम से कई बैंक खातों से धनराशि निकालने पर मजबूर किया।
पुलिस के अनुसार, गिरोह के एक सदस्य ने खुद को सीबीआई अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया और उद्योगपति को एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाया। उसने उन्हें डिजिटल रूप से गिरफ्तार करने की धमकी दी, जिससे उद्योगपति डर गए और ठगी का शिकार हो गए।
ओसवाल की शिकायत पर पुलिस के साइबर सेल ने मामला दर्ज किया और 48 घंटों के भीतर इसे सुलझा लिया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों की पहचान अतनू चौधरी और आनंद कुमार चौधरी के रूप में हुई है, दोनों असम के गुवाहाटी के निवासी हैं।
यह एक सप्ताह के भीतर सामने आई दूसरी घटना थी। इससे पहले, एक स्थानीय उद्योगपति को 1.01 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया था।
राजनीश आहूजा से भी इसी प्रकार ठगी की गई थी, जब अपराधियों ने उन्हें धमकाते हुए कहा था कि उनके बैंक खाते में फिरौती की राशि ट्रांसफर की गई है और उन्हें गिरफ्तार करने का वारंट जारी किया गया है।