रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपनी मीडिया संपत्तियों का विलय वॉल्ट डिज़्नी के भारत व्यवसाय के साथ पूरा कर लिया है। इस विलय से ₹70,352 करोड़ ( $8.5 बिलियन) की संयुक्त उद्यम (JV) कंपनी बनी है, जो मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह के नियंत्रण में होगी।
घोषणा के अनुसार, रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी इस JV की अध्यक्षता करेंगी। RIL ने इसमें ₹11,500 करोड़ ( $1.4 बिलियन) का निवेश किया है।
इस मौके पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि यह भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए “एक परिवर्तनकारी युग” की शुरुआत है। उन्होंने कहा,
“हमारी गहरी रचनात्मक विशेषज्ञता और डिज़्नी के साथ हमारे मजबूत संबंध, भारतीय उपभोक्ताओं की बेमिसाल समझ के साथ मिलकर, भारतीय दर्शकों के लिए किफायती दामों पर बेहतरीन कंटेंट उपलब्ध कराएंगे। मैं इस संयुक्त उद्यम के भविष्य को लेकर बेहद उत्साहित हूं।”
मुख्य पदाधिकारी: इस परियोजना के उपाध्यक्ष पूर्व वॉल्ट डिज़्नी कार्यकारी उदय शंकर होंगे, जो इस JV को रणनीतिक दिशा प्रदान करेंगे।
हिस्सेदारी का बंटवारा: रिलायंस के पास 63.16% हिस्सेदारी है, जिसमें 16.34% RIL के पास और 46.82% Viacom18 के पास है। वॉल्ट डिज़्नी के पास 36.84% हिस्सेदारी है।
संयुक्त उद्यम का स्वरूप: यह JV भारत की सबसे बड़ी मीडिया और मनोरंजन कंपनियों में से एक होगा। इसका संयुक्त राजस्व वित्त वर्ष 2024 में ₹26,000 करोड़ ($3.1 बिलियन) के करीब होने का अनुमान है।
JV के पास 100 से अधिक टीवी चैनल और सालाना 30,000+ घंटे का टीवी मनोरंजन कंटेंट उत्पादन की क्षमता है। इसके अलावा, यह क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य खेलों के अधिकारों का भी मालिक है।
आवश्यक अनुमतियां: वायाकॉम18 और वॉल्ट डिज़्नी को इस JV के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) जैसी संस्थाओं से आवश्यक मंजूरी मिल चुकी है।