कम लागत वाली विमानन कंपनी स्पाइसजेट, जिसने हाल ही में शेयरों के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए ₹3,000 करोड़ जुटाए हैं, मार्च 2025 तक नकदी प्रवाह को सकारात्मक बनाने की योजना बना रही है। यह जानकारी कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने साझा की।
अजय सिंह ने बताया कि संकटग्रस्त एयरलाइन के पुनरुद्धार की दिशा में प्रयास सकारात्मक प्रगति कर रहे हैं और इसे ग्राहकों व हितधारकों का निरंतर समर्थन मिल रहा है।
हितधारकों से प्रतिक्रिया
प्रश्न: आपकी रणनीति पर हितधारकों की प्रतिक्रिया कैसी रही?
उत्तर: शुरुआत में कुछ संकोच जरूर था, लेकिन निवेशकों ने स्पाइसजेट की पुनरुद्धार और विकास की कहानी और मेरे व्यक्तिगत प्रयासों में विश्वास जताया। हमारे पास अनुभवी स्टाफ, अनन्य स्लॉट और मिडल ईस्ट जैसे अत्यधिक मांग वाले गंतव्यों के ट्रैफिक अधिकार थे। हमारे पास 28 विमान थे, जिन्हें धनराशि मिलने के बाद उड़ान के लिए तैयार किया जा सकता था।
हमने 3 सितंबर को निवेशकों के साथ रोडशो शुरू किया और 20 सितंबर तक ₹3,000 करोड़ जुटा लिए। यह धनराशि केवल 17 दिनों में हमारे खाते में आ गई। यह धनराशि भारत और दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों से आई, जो स्पाइसजेट प्रबंधन और भारतीय विमानन उद्योग पर भरोसा दिखाती है।
भारत में अब भी केवल 5% आबादी ही हवाई यात्रा करती है। यह आंकड़ा आने वाले वर्षों में बढ़ेगा। भारत के पास लगभग 800 विमान हैं, जो अगले 10 वर्षों में 1,400-1,500 तक बढ़ेंगे। वहीं, तब तक चीन के पास 7,000 और अमेरिका के पास 10,000 से ज्यादा विमान होंगे।
पुनरुद्धार की रणनीति और लक्ष्य
प्रश्न: पुनरुद्धार के लिए आपने क्या लक्ष्य निर्धारित किए हैं?
उत्तर: नई पूंजी ने हमारे 70% दावों को सुलझाने में मदद की है। शेष विवादों के लिए हम लगातार हितधारकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। मार्च 2025 तक हम नकदी प्रवाह को सकारात्मक बनाने और अपनी बेड़े की संख्या को 35 तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रहे हैं। इसके बाद, FY26 के अंत तक 70 और FY27 के अंत तक 100 विमान हमारे बेड़े में होंगे।
सरकार की भूमिका
प्रश्न: विमानन क्षेत्र में सरकार की भूमिका को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर: सरकार ने कनेक्टिविटी बढ़ाने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए विमानन-हितैषी नीतियां लागू की हैं। उड़ान योजना के विस्तार और प्रमुख हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे की समस्याओं का समाधान सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।
एकाधिकार रोकने के लिए सुझाव
प्रश्न: एकाधिकार रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा सकती है?
उत्तर: सबसे बड़ा सुधार यह होगा कि विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) को GST ढांचे में लाया जाए। वर्तमान में, एयरलाइंस ATF पर उच्च VAT चुकाती हैं, लेकिन इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं ले पातीं। इसके अलावा, उड़ान योजना का विस्तार करते हुए अधिक क्षेत्रों को जोड़ा जाए।
हमारे देश के बड़े हवाई अड्डों को वैश्विक केंद्र बनाने की जरूरत है, ताकि दुबई, अबू धाबी और दोहा जैसे अंतरराष्ट्रीय हब पर निर्भरता खत्म हो।
उड़ान योजना का महत्व
उड़ान योजना ने अविकसित क्षेत्रों को जोड़ने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। इसका विस्तार हेलिकॉप्टर, सी-प्लेन और अन्य साधनों को शामिल कर और अधिक लाभकारी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, अंडमान द्वीप समूह में सी-प्लेन के इस्तेमाल से यात्रा का समय कई घंटों से घटकर केवल 10-15 मिनट हो सकता है।
स्पाइसजेट का मानना है कि सरकार, हितधारकों और ग्राहकों के समर्थन से यह विमानन कंपनी न केवल उबर पाएगी, बल्कि आने वाले वर्षों में तेजी से विकसित होगी।