दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 16 सितंबर को स्पाइसजेट के प्रबंध निदेशक अजय सिंह और कुछ अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों को लेकर एक मामला दर्ज किया था। यह मामला भविष्य निधि (PF) बकाया राशि से जुड़ा हुआ है, जैसा कि एक रिपोर्ट में बताया गया।
हालांकि, 4 अक्टूबर 2024 को स्पाइसजेट ने कहा कि उसने 10 महीनों की पीएफ बकाया राशि जमा कर दी है। कंपनी ने यह भी दावा किया कि उसने ₹3,000 करोड़ की राशि क्यूआईपी (Qualified Institutional Placement) के माध्यम से जुटाने के बाद अपने सभी लंबित वस्तु एवं सेवा कर (GST) और वेतन बकाया का निपटान कर दिया है।
स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा, “कंपनी को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि क्यूआईपी के माध्यम से नई पूंजी जुटाने के पहले सप्ताह के भीतर ही एयरलाइन ने सभी लंबित वेतन और GST का भुगतान कर दिया है और 10 महीनों की पीएफ बकाया राशि जमा कर दी है। अन्य लंबित राशि के निपटारे की प्रक्रिया भी जारी है।”
16 सितंबर को दर्ज किया गया EOW का मामला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा की गई शिकायत के बाद सामने आया, जिसमें दावा किया गया था कि एयरलाइन ने ₹65.7 करोड़ से अधिक की भविष्य निधि योगदान राशि को नहीं जमा किया। रिपोर्ट के अनुसार, स्पाइसजेट, जो 10,000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करता है, ने जून 2022 से जुलाई 2024 तक कर्मचारियों के वेतन से 12% पीएफ काटा, लेकिन इस काटी गई राशि को अनिवार्य 15 दिनों के भीतर कर्मचारियों के पीएफ खातों में जमा नहीं किया गया।
FIR में किन-किन लोगों के नाम थे? रिपोर्ट के अनुसार, FIR में अजय सिंह, शिवानी सिंह (निदेशक), अनुराग भार्गव (स्वतंत्र निदेशक), अजय छोटेलाल अग्रवाल और मनोज कुमार के नाम शामिल हैं।