हैदराबाद में ‘स्विगी वन सदस्यता’ के एक ग्राहक से अधिक शुल्क वसूलने के आरोप में फूड डिलीवरी ऐप स्विगी पर ₹35,000 से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। यह फैसला हैदराबाद की जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सुनाया है।
मामला क्या है?
रिपोर्ट के अनुसार, इम्मडी सुरेश बाबू ने ‘स्विगी वन सदस्यता’ खरीदी थी, जो एक निश्चित दूरी तक मुफ्त डिलीवरी की सुविधा प्रदान करती है। लेकिन 1 नवंबर को जब उन्होंने ऑर्डर किया, तो स्विगी ने उनकी डिलीवरी दूरी को 9.7 किलोमीटर से बढ़ाकर 14 किलोमीटर कर दिया, जिससे ₹103 का अतिरिक्त डिलीवरी शुल्क लग गया।
इस घटना के बाद इम्मडी ने स्विगी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूतों में गूगल मैप्स के स्क्रीनशॉट्स भी शामिल थे, जिनसे साफ दिखा कि डिलीवरी दूरी में अनुचित बढ़ोतरी की गई थी। हालांकि, स्विगी सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर नहीं हुआ, लेकिन अदालत ने उनकी अनुपस्थिति में ही मामले पर फैसला सुना दिया।
कोर्ट ने स्विगी पर क्या जुर्माना लगाया?
आयोग ने स्विगी को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को ₹350.48 की राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित शिकायत दाखिल होने की तारीख से लौटाए और ₹103 का डिलीवरी शुल्क भी वापस करे। इसके अलावा, उपभोक्ता को मानसिक प्रताड़ना और असुविधा के लिए ₹5,000 और मुकदमे की लागत के रूप में भी ₹5,000 देने का आदेश दिया गया। आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि स्विगी ‘स्विगी वन’ सदस्यों के लिए डिलीवरी दूरी में मनमानी वृद्धि करना बंद करे।
इसके अलावा, स्विगी पर ₹25,000 का दंड भी लगाया गया है, जिसे रेड्डी रंगा जिला आयोग के उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करना होगा।
प्लेटफॉर्म शुल्क में इजाफा
दीवाली से पहले, स्विगी ने अपने प्लेटफॉर्म शुल्क को ₹6 से बढ़ाकर ₹10 कर दिया है। सिर्फ स्विगी ही नहीं, ज़ोमैटो ने भी प्लेटफॉर्म शुल्क को ₹7 से बढ़ाकर ₹10 कर दिया है। इसके विपरीत, हाइपरलोकल ई-कॉमर्स ऐप मैजिकपिन ने अपने प्लेटफॉर्म शुल्क को घटाकर ₹5 प्रति डिलीवरी कर दिया है, कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।