ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी कंपनी स्विगी ने अपने विस्तार योजनाओं के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे वॉलमार्ट की स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट और अमेज़न से कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 12 अधिकारी इन कंपनियों से स्विगी में शामिल हो चुके हैं।
मुंबई में स्विगी लिमिटेड के डार्क स्टोर के बाहर मोटरसाइकिल पर डिलीवरी कर्मियों की झलक देखी गई। एक दिन पहले ही स्विगी ने अपनी लीडरशिप टीम में दो वरिष्ठ नियुक्तियाँ की थीं। पिछले चार महीनों में, कंपनी ने शलभ श्रीवास्तव (पूर्व फ्लिपकार्ट वीपी), हरी कुमार जी (पूर्व फ्लिपकार्ट वीपी और अब स्विगी इंस्टामार्ट के एसवीपी और चीफ बिजनेस ऑफिसर), और अमितेश झा (पूर्व फ्लिपकार्ट एसवीपी और अब स्विगी इंस्टामार्ट के सीईओ) जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, स्विगी ने फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, और फैशन जैसे क्षेत्रों में अनुभवी अधिकारियों को शामिल करने की योजना बनाई है। कंपनी का उद्देश्य औसत ऑर्डर मूल्य (एओवी) को बढ़ाकर राजस्व में वृद्धि करना है और इसे समर्थन देने के लिए कई नई पहल शुरू करने की तैयारी में है। इसके अलावा, ‘येलो’ (व्यवसायिक सेवाओं के लिए एक मार्केटप्लेस) और ‘रेयर’ (एक प्रीमियम सदस्यता सेवा) जैसी योजनाओं को भी लाने की योजना बनाई जा रही है।
यह नियुक्तियाँ ऐसे समय में हो रही हैं जब स्विगी कल बुधवार, 12 नवंबर 2024 को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने जा रही है। पिछले सप्ताह इसके उच्च-प्रोफ़ाइल आईपीओ में संस्थागत निवेशकों के अंतिम दिन पर तीन गुना सदस्यता के साथ धीमी प्रतिक्रिया देखी गई थी।
वहीं दूसरी ओर, जुलाई 2021 में सूचीबद्ध हो चुकी उसकी प्रतिद्वंदी ज़ोमैटो लाभ कमा रही है जबकि स्विगी अभी भी घाटे में है। हालाँकि वित्त वर्ष 2023-24 में स्विगी का घाटा पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है, फिर भी क्या इतना कर्ज में डूबी कंपनी अपनी रणनीतियों से लाभ की दिशा में कदम बढ़ा सकेगी? या सिर्फ दिखावे के बड़े-बड़े विज्ञापनों से अपने शेयर धारकों को संतुष्ट रखने का प्रयास करेगी?