केरल के मलप्पुरम जिले को टाटा ग्रुप के 91,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट में एक अहम भूमिका के लिए चुना गया है। इस विशाल परियोजना के तहत तानूर के पास ओझुर में एक सहायक संयंत्र की योजना बनाई जा रही है, जिसका मुख्य केंद्र गुजरात में होगा। यह विकास राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को नई ऊंचाईयों पर ले जा सकता है और इसे सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ा सकता है।
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इन योजनाओं का खुलासा एक इंटरव्यू में किया था। इसके साथ ही टाटा ग्रुप असम में भी एक अन्य संयंत्र पर काम कर रहा है।
सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए केरल सरकार से बातचीत
केरल सरकार, जिसमें उद्योग मंत्री पी. राजीव नेतृत्व कर रहे हैं, टाटा ग्रुप के साथ इस सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा कर रही है। अगर यह परियोजना सफल होती है, तो इससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। इस संयंत्र का फोकस उन्नत सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों पर होगा, जो भारत के हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
ताइवान की पॉवरचिप सेमीकंडक्टर के साथ सहयोग
टाटा ग्रुप ने इस बड़े प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए ताइवान की पॉवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन के साथ साझेदारी की है। मुख्य सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में स्थापित किया जाएगा, लेकिन मलप्पुरम में प्रस्तावित संयंत्र उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस सहयोग से भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान मिलने की उम्मीद है।
रोजगार के अवसर और भविष्य की संभावनाएं
केरल सहित प्रस्तावित सेमीकंडक्टर प्लांटों से करीब 1,00,000 नौकरियों के सृजन की उम्मीद है, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उन्नत निर्माण तकनीकों से जुड़े क्षेत्रों में। इससे केरल की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा मिल सकता है।
हालांकि, ओझुर के स्थानीय अधिकारियों को इस प्रस्तावित संयंत्र के बारे में अब तक कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है। ओझुर पंचायत की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष के. यूसुफ ने पुष्टि की कि वे आधिकारिक अधिसूचना की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस संभावित विकास के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए जानकारी प्राप्त की है।
औपचारिक चर्चाएं जारी हैं और अगर यह परियोजना साकार होती है, तो यह केरल के औद्योगिक भविष्य को बदल सकती है।