वेदांता लिमिटेड ने 18 अक्टूबर को घोषणा की कि वह ओडिशा में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जो इस पूर्वी राज्य में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा और इससे 2 लाख नई नौकरियों का सृजन होगा।
यह निवेश 6 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाले अलुमिना रिफाइनरी और 3 मिलियन टन क्षमता वाले एल्युमिनियम प्लांट की स्थापना में किया जाएगा, जो नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित ग्रीन एल्युमिनियम का उत्पादन करेगा। वेदांता ने यह घोषणा ‘मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025’ के रोडशो ‘उत्कर्ष ओडिशा’ के दौरान की।
वेदांता ने एक बयान में कहा, “इससे डाउनस्ट्रीम उद्योगों के लिए एक विशाल औद्योगिक परिसर का निर्माण होगा, क्योंकि एल्युमिनियम का सैकड़ों अनुप्रयोग है, जिसे ऑटोमोबाइल, बिजली, निर्माण और रेलवे क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।”
इस निवेश से “हजारों MSMEs के लिए नए अवसर पैदा होंगे। एल्युमिनियम भविष्य की धातु है और 2030 तक इसकी मांग दोगुनी होने की संभावना है,” वेदांता ने जोड़ा।
यूके-स्थित वेदांता रिसोर्सेज का हिस्सा रही यह कंपनी पिछले दो दशकों से ओडिशा में निवेश कर रही है, जहाँ उसने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जिससे राज्य में 1 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है। वेदांता ने राज्य में नीलामी के माध्यम से सिजिमाली खदानें भी अधिग्रहित की हैं, जो बॉक्साइट के सबसे बड़े भंडारों में से एक है।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस विकास पर टिप्पणी करते हुए कहा, “ओडिशा हमेशा वेदांता की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। हमारे निवेश राज्य की समावेशी प्रगति और बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।”