याहू ने पिछले एक वर्ष में लगभग 25% कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छंटनी “द पेरानॉइड्स” नामक साइबरसिक्योरिटी टीम सहित कई विभागों को प्रभावित कर चुकी है। टेक कंपनी ने पिछले साल लगभग 1,600 कर्मचारियों की छंटनी की, जो उसके कुल कर्मचारियों का लगभग 20% है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 200 लोगों की टीम में से करीब 40 से 50 लोगों को प्रभावित किया गया।
छंटनी की प्रक्रिया 2024 की शुरुआत में शुरू हुई और इसका असर न केवल साइबरसिक्योरिटी टीम पर बल्कि अन्य विभागों पर भी पड़ा। याहू के मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) वैलेरी लिबॉर्स्की ने कर्मचारियों को टेक्नोलॉजी डिवीजन में होने वाले व्यापक बदलावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य एंटरप्राइज प्रोडक्टिविटी और मुख्य सेवाओं में सुधार करना है। वैलेरी लिबॉर्स्की ने इसे एक कठिन निर्णय बताया और कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया गया।
छंटनी से सबसे अधिक प्रभावित टीम “द पेरानॉइड्स” थी, जो साइबरअटैक से बचाव के लिए काम करती थी। यह टीम साइबरअटैक के सिमुलेशन करती और संभावित कमजोरियों को हैकर्स के शोषण से पहले ही पहचान लेती थी। याहू का यह कदम साइबरसिक्योरिटी में कटौती का हिस्सा है, जो कंपनी द्वारा घोषित तीन चरणों में से एक था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, याहू ने रेड टीम को भंग करने और छंटनी की पुष्टि की है। कंपनी ने बताया कि यह बदलाव उसके सुरक्षा कार्यक्रम के विकास का हिस्सा है। याहू के प्रवक्ता ब्रेंडन ली ने कहा कि पिछले सात वर्षों में कंपनी का सुरक्षा कार्यक्रम परिपक्व हुआ और विश्व-स्तरीय कार्यक्रम के रूप में पहचाना गया।
ब्रेंडन ली ने आगे बताया कि याहू ने रणनीतिक समायोजन किए हैं, जिसमें “आक्रामक सुरक्षा संचालन” को एक आउटसोर्स मॉडल में बदलना शामिल है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव कंपनी के परिपक्व सुरक्षा कार्यक्रम को दर्शाता है और टीम को मुख्य सुरक्षा प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा।