ज़ेप्टो के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (CHRO) मार्टिन दिनेश गोमेज़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही कंपनी छोड़ देंगे। यह जानकारी मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने दी। गोमेज़ ने ज़ेप्टो में लगभग एक साल पहले शामिल हुए थे, इससे पहले उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न में काम किया। इसके अतिरिक्त, गोमेज़ ने थॉमसन रॉयटर्स, माइक्रोसॉफ्ट, एक्सेंचर और अन्य कंपनियों में 20 से अधिक वर्षों तक कार्य किया है।
सूत्रों के अनुसार, “मार्टिन फिलहाल अपने नोटिस पीरियड पर हैं और कुछ हफ्तों में ज़ेप्टो छोड़ देंगे। इस दौरान, ज़ेप्टो के को-फाउंडर और सीईओ आदित पलीचा HR ऑपरेशन्स संभाल रहे हैं और भर्ती तथा अन्य संबंधित कार्यों में शामिल हैं।”
हालांकि, सीईओ पलीचा गोमेज़ के कुछ कार्य देख रहे हैं, लेकिन ज़ेप्टो के चंदन मेनडिरत्ता अन्य ह्यूमन रिसोर्स (HR) कार्यों का नेतृत्व करेंगे। मेनडिरत्ता, जो इस साल जनवरी में ज़ेप्टो से जुड़े थे, कंपनी के चीफ ब्रांड ऑफिसर थे और अब उन्हें चीफ कल्चर ऑफिसर का भी पद सौंपा गया है। ज़ेप्टो से पहले, मेनडिरत्ता ज़ोमैटो में ब्रांड मार्केटिंग का नेतृत्व करते थे।
ज़ेप्टो ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
मार्टिन गोमेज़ अब उन वरिष्ठ अधिकारियों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने हाल के महीनों में ज़ेप्टो छोड़ा है। जून में, ज़ेप्टो के पूर्व VP ग्रोथ और रिटेंशन, मानिक ओबेरॉय ने कंपनी छोड़ी थी। उससे पहले, जून में ही, कंपनी के पूर्व चीफ बिजनेस ऑफिसर और चीफ ग्रोथ ऑफिसर, विरल झवेरी ने भी ढाई साल के कार्यकाल के बाद इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह, ज़ेप्टो के पूर्व सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (SVP) फाइनेंस, आशीष शाह ने भी कंपनी छोड़ी थी।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब सोशल मीडिया पर ज़ेप्टो के कार्य वातावरण को लेकर नकारात्मक टिप्पणियां की जा रही हैं। खासतौर पर, यह कहा जा रहा है कि कर्मचारियों को वर्क-लाइफ बैलेंस का अभाव झेलना पड़ रहा है। हालांकि, पलीचा ने इन दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मुझे वर्क-लाइफ बैलेंस से कोई दिक्कत नहीं है। बल्कि, मैं इसे अपने सभी प्रतिस्पर्धियों को सुझाता हूं।”
गौरतलब है कि CEOs का HR कार्यभार संभालना कोई नई बात नहीं है। ज़ोमैटो के CEO और को-फाउंडर दीपिंदर गोयल ने भी पहले बताया था कि वे खुद भी HR का काम सक्रिय रूप से संभालते हैं। गोयल ने कहा था, “मैं संगठन में HR की भूमिका निभाता हूं और अपना अधिकांश समय इसी में बिताता हूं। भर्ती, मेंटरिंग और कोचिंग मेरा नियमित काम है।”