जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल हाल ही में एक विवादित नौकरी पोस्ट के कारण आलोचना का सामना कर रहे हैं। इस पोस्ट में चीफ ऑफ स्टाफ के पद के लिए उम्मीदवार मांगे गए थे, लेकिन शर्त यह थी कि चयनित उम्मीदवार को पहले साल कोई वेतन नहीं मिलेगा। इसके बजाय, उम्मीदवार को जोमैटो की गैर-लाभकारी शाखा ‘फीडिंग इंडिया’ में ₹20 लाख का दान करना होगा।
सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को लेकर कड़ी आलोचना हुई। लोगों ने गोयल पर नौकरी चाहने वालों का शोषण करने का आरोप लगाया। कई यूजर्स ने कहा कि ₹20 लाख की यह शर्त उन प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को बाहर कर देती है, जो इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकते। कुछ ने इसे “पेड इंटर्नशिप” का एक नया रूप करार दिया, जो इस पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है।
हालांकि, इस विवाद के बीच जोमैटो के एक पूर्व कर्मचारी अर्णव गुप्ता ने गोयल का समर्थन किया है। गुप्ता, जो 2024 तक जोमैटो के कंज़्यूमर ऐप के इंजीनियरिंग हेड रहे, ने इस अवसर के महत्व पर अपनी राय साझा की।
गोयल के एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट का जवाब देते हुए गुप्ता ने लिखा, “अगर आप मैनेजमेंट कंसल्टिंग या स्ट्रैटेजी में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह ₹20 लाख से कहीं अधिक मूल्यवान है!” गुप्ता ने कहा कि गोयल के मार्गदर्शन में सीखने का यह मौका किसी भी भारतीय एमबीए प्रोग्राम की तुलना में अधिक मूल्यवान है, जिनकी फीस भी इसी के समान होती है।
गोयल ने अपनी पोस्ट में कहा था कि आदर्श उम्मीदवार को “डाउन टू अर्थ” और “शून्य अधिकार वाला” होना चाहिए। उनका दावा था कि यह अनुभव शीर्ष प्रबंधन स्कूल से दो साल की डिग्री की तुलना में “10 गुना अधिक सीखने” का मौका देगा।
इस विवाद के बावजूद नौकरी के लिए आवेदन करने वालों की संख्या कम नहीं हुई। गुरुवार तक, गोयल ने खुलासा किया कि 10,000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है। उन्होंने आवेदकों को चार समूहों में विभाजित किया: वे जो वास्तव में धन की कमी से जूझ रहे हैं, वे जो झूठा आर्थिक संकट दिखा रहे हैं, वे जो आंशिक रूप से धन जुटा सकते हैं, और वे जो पूरी राशि देने में सक्षम हैं।
क्या मामला सिर्फ इतना ही है?
इस नौकरी पोस्ट के साथ-साथ जोमैटो एक और विवाद में घिरा है। हाल ही में चंडीगढ़ में जोमैटो प्लेटफॉर्म पर कुछ “वन डिश” रेस्तरां पाए गए, जो केवल एक ही डिश बेच रहे थे और वह भी अत्यधिक कीमत पर। ये रेस्तरां खासतौर पर नयागांव इलाके में स्थित हैं। इनमें से कुछ रेस्तरां पर कोई रिव्यू नहीं था, जबकि कुछ में नकारात्मक टिप्पणियों की भरमार थी। यहां बेची जा रही डिश जैसे “कीवी डिलाइट मोजिटो, मेरी बेरी, ग्रीन एप्पल सोडा और साइट्रस पंच” ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
इस मामले में कई लोगों ने संदेह जताया है कि ये रेस्तरां अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य संदिग्ध कार्यों में शामिल हो सकते हैं।
एक व्यक्ति ने जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल और चंडीगढ़ पुलिस को टैग करते हुए लिखा, “चंडीगढ़ में जोमैटो के साथ क्या हो रहा है? फर्जी ‘रेस्तरां’ केवल एक ही डिश बेच रहे हैं, वह भी हास्यास्पद कीमतों पर। इनके पते भी गलत हैं। जोमैटो पर कुछ गड़बड़ हो रही है।”
यूजर्स ने इन संदिग्ध रेस्तरां के स्क्रीनशॉट और अनुभव साझा करना जारी रखा, जिसके बाद गोयल ने स्वीकार किया कि जोमैटो को इन मामलों में कई शिकायतें मिली हैं।