रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 3 दिसंबर को रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए ₹21,772 करोड़ से अधिक की पांच खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
DAC ने वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट्स (WJFACs), इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट, राडार वॉर्निंग और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर्स सहित कई खरीद प्रस्तावों के लिए स्वीकृति आवश्यकता (AoN) दी है।
इन अनुमोदनों के तहत, भारतीय नौसेना के लिए 31 नए वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट्स (WJFACs) खरीदे जाएंगे। ये जहाज कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों, निगरानी, गश्त और खोज एवं बचाव (SAR) अभियानों में तट के पास काम करेंगे। इसके अलावा, ये जहाज अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में विशेष रूप से द्वीप क्षेत्रों के आसपास, समुद्री डकैती विरोधी अभियानों में भी सहयोग करेंगे।
वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट्स (WJFACs) तेज़ और फुर्तीले जहाज होते हैं, जो सतह पर चलने वाले जहाजों को रोकने, खोज एवं बचाव अभियानों और मत्स्य संरक्षण में मदद करते हैं। इससे पहले, भारतीय नौसेना को GRSE द्वारा ऐसे जहाज उपलब्ध कराए गए थे।
DAC ने 120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट्स (FIC-1) की खरीद के लिए भी AoN दी है। ये जहाज विमानवाहक पोत, डेस्ट्रॉयर्स, फ्रिगेट्स और पनडुब्बियों जैसे उच्च मूल्य वाले जहाजों की सुरक्षा के लिए एस्कॉर्टिंग जैसी कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम होंगे और भारत की तटीय सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। नवंबर में, भारत ने भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) में अपनी भागीदारी बढ़ाने के तहत मोजाम्बिक को दो FICs उपहार में दिए थे।
जल्द ही एसयू-30 MKI की संचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट (EWS) की खरीद भी शुरू की जाएगी। यह EWS विमान के लिए एक्सटर्नल एयरबॉर्न सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर पॉड्स, नेक्स्ट जनरेशन राडार वॉर्निंग रिसीवर, और अन्य उपकरणों से लैस होगा। यह सूट SU-30 MKI की क्षमताओं को बढ़ाएगा और वायु रक्षा प्रणालियों से संरक्षित लक्ष्यों के खिलाफ मिशनों के दौरान इसे दुश्मन के राडार से बचाएगा।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) ने भारतीय वायु सेना के लिए EWS विकसित किया है।
इसके अलावा, DAC ने T-72 और T-90 टैंकों तथा सुखोई लड़ाकू विमान के इंजनों के ओवरहाल को भी मंजूरी दी है, जिससे उपकरणों की सेवा जीवन को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।