डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज़ ने भारत में इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी दवा टोरीपालिमैब लॉन्च की है, जो नासॉफैरिंजियल कार्सिनोमा (NPC) से पीड़ित मरीजों के इलाज में उपयोगी होगी।
यह लॉन्च Zytorvi ब्रांड नाम के तहत किया गया है। यह कदम पिछले साल शंघाई जूनशी बायोसाइंसेज़ कंपनी के साथ हुए लाइसेंस और वाणिज्यिक समझौते के तहत उठाया गया है। इस समझौते के तहत, डॉ. रेड्डीज को भारत, दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील और लैटिन अमेरिका के विभिन्न देशों सहित कुल 21 देशों में टोरीपालिमैब के विकास और वाणिज्यिकरण के विशेष अधिकार मिले हैं। इसके अलावा, समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और अन्य नौ देशों में भी लाइसेंस का दायरा बढ़ाने की अनुमति है।
इस लॉन्च के साथ, भारत चीन और अमेरिका के बाद इस अगली पीढ़ी के PD-1 इनहिबिटर तक पहुंच प्राप्त करने वाला तीसरा देश बन गया है। यह जानकारी गुरुवार को डॉ. रेड्डीज की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।
टोरीपालिमैब एक New Biological Entity है और यह दुनिया भर के विभिन्न नियामक निकायों जैसे कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA), यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी और मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी द्वारा पुनरावर्ती या मेटास्टेटिक नासॉफैरिंजियल कार्सिनोमा (RM-NPC) के इलाज के लिए वयस्कों में उपयोग हेतु अनुमोदित एकमात्र इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी दवा है।
भारत में RM-NPC के इलाज के लिए पहले जेमसिटाबाइन और सिसप्लैटिन आधारित कीमोथेरेपी मानक उपचार था। डॉ. रेड्डीज के CEO-ब्रांडेड मार्केट्स (इंडिया एंड इमर्जिंग मार्केट्स), एम.वी. रामना ने कहा, “टोरीपालिमैब का लॉन्च नासॉफैरिंजियल कार्सिनोमा से पीड़ित मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। NPC सिर और गर्दन के कैंसर का एक दुर्लभ प्रकार है।”
ऑन्कोलॉजी डॉ. रेड्डीज के लिए एक प्रमुख फोकस क्षेत्र रहा है। कंपनी की इनोवेशन रणनीति के तहत, सहयोगों के माध्यम से नई दवाओं तक पहुंच को बढ़ाना एक प्रमुख स्तंभ है। एम.वी. रामना ने आगे कहा, “हमने भारत में टोरीपालिमैब उसी वर्ष लॉन्च किया है, जिस वर्ष यह अमेरिका में लॉन्च हुई है।”