भारत का गोवा अपने साफ-सुथरे तटों और कई पर्यटक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, और इसे ‘बीच पैराडाइस’ के नाम से भी जाना जाता है। अक्टूबर से दिसंबर के महीनों में गोवा का पर्यटन अपने चरम पर होता है, लेकिन इस बार राज्य में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी जा रही है। उद्योग विशेषज्ञों और पर्यटकों के अनुसार, विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आना एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
गोवा का आकर्षण घटने का डर
इस गिरावट ने कई लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है कि क्या गोवा अपनी पुरानी रौनक और आकर्षण खो रहा है? दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य सस्ते और अधिक विकसित शहरों के उभरने से गोवा की चमक फीकी पड़ने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है।
गोवा के पर्यटन में गिरावट के कारण
उद्यमी रामानुज मुखर्जी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर इस गिरावट की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने 2019 और 2023 के आंकड़ों की तुलना करते हुए कहा, “विदेशी पर्यटकों ने गोवा से मुंह मोड़ लिया है। रूसी और ब्रिटिश पर्यटक जो हर साल गोवा आते थे, अब श्रीलंका का रुख कर चुके हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “भारतीय पर्यटक अब भी गोवा का रुख कर रहे हैं, लेकिन अगर विदेशी पर्यटकों का शोषण होता रहा, तो जल्द ही भारतीय भी इसे छोड़ देंगे। सस्ती और बेहतर विकल्प अब विदेशों में उपलब्ध हैं।”
गोवा में विदेशी पर्यटकों में कमी के अन्य कारण
रूस-यूक्रेन और इजरायल-फिलिस्तीन के संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दे भी गोवा में विदेशी पर्यटकों की कमी के प्रमुख कारण बन गए हैं। इन विवादों ने रूस और इजरायल से आने वाली चार्टर उड़ानों को काफी प्रभावित किया है, जबकि ये देश गोवा के लिए महत्वपूर्ण पर्यटक स्रोत हैं।
अब पर्यटक थाईलैंड, श्रीलंका, वियतनाम और बाली जैसे अंतरराष्ट्रीय स्थलों की ओर अधिक रुख कर रहे हैं, जहां पर पर्यटन की बेहतर सुविधाएँ, आकर्षक वीजा विकल्प, और कम लागत पर पर्यटक अनुभव मिलता है। गोवा की अपेक्षाकृत ऊँची आवास, भोजन और परिवहन लागत पर्यटकों को दूर करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
घरेलू पर्यटन में भी संकट के बादल?
एक सोशल मीडिया यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “गोवा में लोगों को विदेशी पर्यटकों से अतिरिक्त पैसा वसूलना बंद कर देना चाहिए और उचित मूल्य पर बेहतर अनुभव देना शुरू करना चाहिए। भारतीय हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए यह एक जरूरी चेतावनी है – औसत अनुभव के लिए अतार्किक कीमतें वसूल कर पर्यटकों की भीड़ बनाए रखने की उम्मीद करना एक भ्रम है।”
गोवा की कमजोर अवसंरचना भी इस गिरावट का एक बड़ा कारण है। राज्य में यात्रियों के लिए बेहतर और सुरक्षित परिवहन की कमी है। सीमित अंतर-राज्य परिवहन, समुद्र तटों का सही तरीके से रखरखाव न होना, और अपर्याप्त सुविधाओं के कारण पर्यटक अब उन गंतव्यों की ओर रुख कर रहे हैं जो उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरते हैं। एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “यह तो शुरुआत है। जैसे ही अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश वीजा नियमों को आसान कर रहे हैं, उनके पास बेहतर बुनियादी ढांचे और आधे कीमत पर स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध है। जल्द ही भारतीय पर्यटन स्थलों को वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा, मंदिर पर्यटन को छोड़कर।”