केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 1,850 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया है। यह फैसला 18 सितंबर से प्रभावी होगा, जैसा कि 17 सितंबर को जारी अधिसूचना में उल्लेख किया गया। सरकार हर पखवाड़े विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है, और यह कटौती कच्चे तेल की कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट के बाद आई है।
अंतिम समीक्षा 30 अगस्त को की गई थी, जिसमें सरकार ने घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 11.9 प्रतिशत घटाकर 1,850 रुपये प्रति टन कर दिया था, जो पहले 2,100 रुपये प्रति टन था। यह संशोधन 31 अगस्त से प्रभावी हुआ था।
यह दूसरी बार है जब विंडफॉल टैक्स को शून्य किया गया है। वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड की कीमतें अप्रैल में 92 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर अब 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं।
तेल मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने 12 सितंबर को कहा था कि तेल मंत्रालय और वित्त मंत्रालय विंडफॉल टैक्स पर बातचीत कर रहे हैं, और इस संबंध में अंतिम निर्णय राजस्व विभाग लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों मंत्रालय इस मुद्दे पर चर्चा जारी रखेंगे।
जैन ने स्वीकार किया कि पिछले 7-10 दिनों में तेल की कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन यह देखना जरूरी है कि वैश्विक कीमतें कितने समय तक कमजोर रहती हैं। सिर्फ एक हफ्ते की कीमतों के आधार पर कोई भी फैसला लेना उचित नहीं होगा।