प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर प्रदेश के परिवहन नेटवर्क को विस्तार देने के उद्देश्य से गाज़ियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा संचालित यह 380 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे यात्रा को सुविधाजनक बनाकर राज्य के नौ प्रमुख जिलों में आर्थिक विकास को गति देने का दावा करता है।
गाज़ियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे के मुख्य आकर्षण
गाज़ियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा। शुरुआत में चार लेन वाले इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में छह लेन में विस्तारित करने की संभावना है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से गाज़ियाबाद से कानपुर की मौजूदा आठ घंटे की यात्रा को घटाकर मात्र 5.5 घंटे कर दिया जाएगा। इसके डिजाइन में नोएडा स्थित जेवर एयरपोर्ट तक संभावित विस्तार भी शामिल है, जिससे कानपुर की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।
नौ जिलों के बीच सुगम संपर्क
यह एक्सप्रेसवे गाज़ियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, और कानपुर जैसे नौ प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगा। इन क्षेत्रों को जोड़कर परियोजना स्थानीय पहुंच को बढ़ाएगी और मार्ग के साथ-साथ औद्योगिक केंद्रों की स्थापना करेगी। औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष क्षेत्र चिन्हित किए जा रहे हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निर्माण पूरा होने की समय-सीमा और आर्थिक प्रभाव
2026 तक इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने की उम्मीद है। यह परियोजना दिल्ली-एनसीआर से कानपुर और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के यातायात प्रवाह और आधारभूत संरचना में सुधार करेगी। सरकार की यात्रा को सुगम बनाने और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने की दृष्टि से यह परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समग्र क्षेत्रीय विकास में योगदान देगी।
प्रस्तावित गाज़ियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद यह न केवल यात्रा के समय को घटाएगा बल्कि उत्तर प्रदेश को आर्थिक गति भी प्रदान करेगा। भारतीय आधारभूत संरचना में यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।