राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव में लगे निजी ठेकेदारों को अब प्रदर्शन आधारित रेटिंग प्रणाली के तहत आंका जाएगा। यह कदम उनकी जवाबदेही बढ़ाने, गुणवत्ता सुधारने और यात्रियों के लिए सुरक्षित व सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
इस रेटिंग के आधार पर ठेकेदारों को “उत्कृष्ट” से लेकर “असफल” तक विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा। 100 में से 70 से कम स्कोर पाने वाले ठेकेदारों को “अप्रदर्शनकारी” घोषित किया जाएगा और जब तक उनका स्कोर सुधरता नहीं है, वे नए राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट हासिल करने के योग्य नहीं होंगे।
NHAI के अनुसार, यह रेटिंग हर छह महीने में दो स्तरों पर अपडेट की जाएगी— व्यक्तिगत प्रोजेक्ट स्तर और कंसैशनर स्तर। यह जानकारी NHAI की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराई जाएगी।
बयान के मुताबिक, “मूल्यांकन पद्धति सड़क की स्थिति सूचकांक (Pavement Condition Index – PCI) और NHAI वन ऐप पर दोषों के सुधार अनुपालन पर आधारित होगी। NHAI वन ऐप के जरिए 95 से अधिक प्रकार के दोषों की डिजिटल रूप से पहचान और निगरानी की जा सकेगी।” इसमें यह भी कहा गया कि PCI को 80% वेटेज और ऐप अनुपालन को 20% वेटेज दिया जाएगा।
सड़क निर्माण उद्योग में उपयोग किया जाने वाला PCI, छह कार्यात्मक मापदंडों—सड़क की खुरदुरापन, गड्ढे, दरारें, उखड़ना, गहराई और पैचवर्क—के आधार पर मापा जाएगा। इसे मापने के लिए विभिन्न तकनीकी समाधानों जैसे नेटवर्क सर्वेक्षण वाहनों में लेजर क्रैक मापन प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
NHAI ने यह स्पष्ट किया है कि यह नई प्रणाली सड़क निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता को सुधारने और ठेकेदारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।