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Saturday, December 21, 2024
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बैंक खाताधारकों के लिए राहत! अब चार नामांकित व्यक्ति होंगे संभव

लोकसभा में 3 दिसंबर को पारित बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक के तहत अब भारत के बैंक खाताधारक अपने खातों के लिए अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति तय कर सकेंगे। यह प्रावधान जमाकर्ताओं की सुविधा के लिए लाया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, खाताधारकों को “क्रमिक” (Successive) और “समानांतर” (Simultaneous) नामांकन के बीच चयन की सुविधा मिलेगी। हालांकि, लॉकर धारकों के लिए केवल “क्रमिक” नामांकन ही अनुमत होगा, जिससे लॉकर की उत्तराधिकार प्रक्रिया स्पष्ट हो सकेगी।

क्या है इसका अर्थ?

नामांकित व्यक्ति का काम खाताधारक की मृत्यु के बाद खातों की राशि का संरक्षक बनना है। अमेय पाठक, पार्टनर, सायरिल अमरचंद मंगलदास, के अनुसार, “नामांकित व्यक्ति उत्तराधिकारी नहीं होता, बल्कि बैंक के लिए एक कस्टोडियन होता है। बैंक का दायित्व केवल नामांकित व्यक्ति तक राशि पहुंचाने का होता है। उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार, संपत्ति को असली उत्तराधिकारियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी नामांकित व्यक्ति की होती है।”

अनेक नामांकित व्यक्तियों के लाभ

कुनाल शर्मा, पार्टनर, सिंघानिया एंड कंपनी, का कहना है कि एक से अधिक नामांकित व्यक्ति बनाने से खाताधारकों के लिए सुरक्षा और लचीलापन बढ़ता है। यह संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाता है और बैंकों का प्रशासनिक बोझ कम करता है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट हर साल बढ़ रहे हैं। मार्च 2023 में ₹62,225 करोड़ से बढ़कर मार्च 2024 में ₹78,213 करोड़ हो गए। अमेय पाठक के अनुसार, “एक से अधिक नामांकित व्यक्ति की अनुमति से जागरूकता बढ़ेगी और ऐसे जमा धन पर दावा करने में आसानी होगी, जिससे अनक्लेम्ड डिपॉजिट में कमी आएगी।”

नीलम सिंह, एडवोकेट, इलाहाबाद हाई कोर्ट, का मानना है कि इस संशोधन से बैंकों में गवर्नेंस मजबूत होगी और ग्राहक सुविधा बढ़ेगी।

दो प्रकार के नामांकन:

  1. समानांतर नामांकन (Simultaneous Nomination): इसमें एक ही खाते के लिए कई नामांकित व्यक्ति तय किए जा सकते हैं। धनराशि तय प्रतिशत के अनुसार वितरित की जाएगी।
    • उदाहरण: यदि किसी खाते में ₹10 लाख हैं और खाताधारक ने अपनी पत्नी (40%), पुत्र (30%), और पुत्री (30%) को नामांकित किया है, तो उनकी मृत्यु के बाद पत्नी को ₹4 लाख, और पुत्र-पुत्री को ₹3 लाख-₹3 लाख मिलेंगे।
  2. क्रमिक नामांकन (Successive Nomination): इसमें प्राथमिक नामांकित व्यक्ति की अनुपस्थिति में द्वितीयक नामांकित व्यक्ति को धनराशि हस्तांतरित की जाएगी।
    • उदाहरण: यदि A, B, और C क्रमिक नामांकित व्यक्ति हैं, तो पहले A को धन मिलेगा। A के न मिलने पर B और उसके बाद C को धन मिलेगा।

क्या हैं चुनौतियाँ?

अमेय पाठक के अनुसार, “हालांकि विधेयक में स्पष्टता है, लेकिन कई नामांकित व्यक्तियों के बीच अनुपात को लेकर विवाद हो सकते हैं।” खाताधारकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके नामांकन उनकी वसीयत और अन्य संपत्ति दस्तावेजों से मेल खाते हों।

कुनाल शर्मा का कहना है कि यह संशोधन न्यायिक प्रक्रियाओं पर निर्भरता कम करेगा और वित्तीय जरूरतों के लिए तेजी से धनराशि तक पहुंच संभव बनाएगा।

अंतिम चरण

यह विधेयक अभी केवल लोकसभा में पारित हुआ है। अमेय पाठक के अनुसार, इसे राज्यसभा की मंजूरी, राष्ट्रपति की स्वीकृति और सरकारी गजट में प्रकाशन के बाद ही लागू किया जाएगा। सही क्रियान्वयन के लिए बैंक स्टाफ का प्रशिक्षण और जनजागरूकता अभियान जरूरी हैं।

निष्कर्ष:
इस संशोधन से खाताधारकों को सुविधा और सुरक्षा दोनों मिलेगी। हालांकि, नामांकन प्रक्रिया में स्पष्टता और सही दस्तावेज़ीकरण पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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