भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को लगातार तीसरे सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रखा, जिसमें निफ्टी 50 ने 25,093 के स्तर से गिरावट के साथ शुरुआत की और इंट्राडे के दौरान 24,879 तक पहुंच गया, जिससे करीब 400 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स ने भी 82,171 पर नकारात्मक गैप के साथ शुरुआत की और कुछ ही मिनटों में 81,304 के निचले स्तर तक पहुंच गया, जिससे 867 अंकों की इंट्राडे गिरावट हुई।
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट क्यों हो रही है?
भारतीय शेयर बाजार की इस गिरावट के पांच प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- आगामी अमेरिकी फेड बैठक: इस महीने होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक बाजार की गिरावट का एक प्रमुख कारण है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर फेड ब्याज दरों में केवल 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करता है, तो बाजार इस पर खुश नहीं होगा। लेकिन 50 बेसिस पॉइंट या उससे अधिक की कटौती बाजार में अतिरिक्त पूंजी प्रवाह को बढ़ावा दे सकती है।
- ओवरबॉट कंडीशन: बुधवार को शुरू हुई बिकवाली से पहले बाजार में 14 दिनों की रैली देखी गई थी, जो यह संकेत देती है कि बाजार ओवरबॉट स्थिति में था।
- अमेरिकी डॉलर की दर में उछाल: अमेरिकी डॉलर इंडेक्स ने पिछले तीन सत्रों में लगभग 1% की वृद्धि की है, जो अमेरिकी मुद्रास्फीति औसत में सुधार के कारण हुआ। इसके चलते निवेशकों ने अधिकतर पूंजी को करेंसी, ट्रेजरी और बॉन्ड्स में डाला है।
- अमेरिकी रोजगार आंकड़े: अमेरिकी रोजगार के अवसरों में कमी आई है और यह तीन और आधे साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जो वहां की श्रम मंदी का संकेत देता है। इसका प्रभाव वैश्विक बाजारों पर भी पड़ा है।
- अमेरिकी मुद्रास्फीति चिंताएं: अमेरिकी श्रम बाजार की मंदी ने वहां मुद्रास्फीति की चिंताओं को जन्म दिया है, जिससे फेड की दरों में कटौती की योजना पर पुनर्विचार होने की संभावना बढ़ गई है।