Apple ने भारत में पहली बार अपने वायरलेस ईयरफ़ोन AirPods के निर्माण की तैयारी कर ली है। कंपनी 2025 की शुरुआत में इस निर्माण कार्य को आरंभ करेगी, जिसका मुख्य उद्देश्य चीन पर अपनी निर्भरता कम करना है। यह नया उत्पादन केंद्र तेलंगाना के हैदराबाद के पास स्थित होगा और इसका संचालन Apple के सप्लायर Foxconn Technology Group की एक इकाई द्वारा किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, लोकप्रिय AirPods का असेंबली कार्य वर्ष की पहली तिमाही में शुरू होगा और जल्द ही बड़े पैमाने पर उत्पादन कार्य भी तेज़ी से किया जाएगा।
इस कदम के तहत AirPods, iPhone के बाद भारत में असेंबल होने वाला Apple का दूसरा प्रमुख उत्पाद बन जाएगा। Apple अपने सप्लाई चेन को विविधतापूर्ण बनाने के व्यापक प्रयासों के तहत भारत में अपनी विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार कर रहा है। ऐसा अमेरिकी और चीनी संबंधों में बढ़ते तनाव को देखते हुए किया जा रहा है। भारत सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी, कुशल श्रमिकों की उपलब्धता और प्रौद्योगिकी अवसंरचना में सुधार ने भारत को Apple और अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए चीन के एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभारा है।
संक्षिप्त लेख:
Apple वर्तमान में चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने की दिशा में सक्रियता से काम कर रहा है। इसका उद्देश्य भू-राजनीतिक तनाव, व्यापार विवादों और सप्लाई चेन में रुकावटों के जोखिम को कम करना है। पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने भारत, वियतनाम और अन्य उभरते बाजारों में अपने उत्पादन केंद्र स्थापित करके अपनी विनिर्माण क्षमताओं को विविधतापूर्ण बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। इन क्षेत्रों में उत्पादन को स्थानांतरित करने से Apple को सप्लाई चेन की निरंतरता बनाए रखने, लागत को कम करने और अप्रत्याशित रुकावटों के लिए अधिक लचीलापन हासिल करने में मदद मिलेगी।
यह कदम न केवल चीन की आर्थिक नीतियों और राजनीतिक माहौल से होने वाली संभावित समस्याओं को कम करने में मदद करेगा, बल्कि वैश्विक कंपनियों के बीच अपने संचालन को भौगोलिक रूप से विविध बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति के अनुरूप भी है। इन प्रयासों के माध्यम से, Apple खुद को तेजी से जटिल और अप्रत्याशित वैश्विक बाजार में बेहतर ढंग से नेविगेट करने के लिए तैयार कर रहा है।