क्यूपर्टिनो स्थित तकनीकी दिग्गज Apple पर एक मौजूदा कर्मचारी ने जासूसी करने का आरोप लगाया है। यह आरोप कर्मचारी के व्यक्तिगत डिवाइस जैसे iPhone और iPad के माध्यम से निगरानी करने को लेकर है। यह मुकदमा रविवार को अमर भक्ता द्वारा दायर किया गया, जो 2020 से Apple के डिजिटल विज्ञापन विभाग में कार्यरत हैं।
भक्ता का दावा है कि Apple अपने कर्मचारियों को गोपनीयता के अधिकार से वंचित करता है और इसे नौकरी की एक शर्त के रूप में स्वीकार करने पर मजबूर करता है। मुकदमे में यह भी आरोप लगाया गया है कि Apple कर्मचारियों से एक ऐसी नीति पर सहमति लेने को कहता है, जिसमें कंपनी “शारीरिक, वीडियो और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी” कर सकती है, चाहे कर्मचारी अपने घर पर ही क्यों न हों।
मुकदमे में कहा गया है, “Apple के कर्मचारियों के लिए Apple इकोसिस्टम कोई सुरक्षित क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह एक जेल की तरह है। एक ऐसा स्थान जहां कर्मचारी, चाहे ड्यूटी पर हों या न हों, हमेशा Apple की नज़र में रहते हैं।”
कर्मचारियों को केवल Apple डिवाइस इस्तेमाल करने की बाध्यता
मुकदमे के अनुसार, Apple अपने कर्मचारियों को केवल Apple के बनाए उत्पादों का उपयोग करने के लिए मजबूर करता है। हालांकि, कंपनी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, कर्मचारी अक्सर अपने व्यक्तिगत डिवाइस का ही इस्तेमाल करते हैं।
Apple की नीतियों के अनुसार, यदि कर्मचारी अपने निजी डिवाइस का उपयोग करते हैं, तो उनके व्यक्तिगत अकाउंट से जुड़े सभी डेटा जैसे ईमेल, फोटो, वीडियो, नोट्स आदि Apple द्वारा जांच के अधीन हो सकते हैं।
बोलने की आज़ादी पर रोक का आरोप
मुकदमे में यह भी दावा किया गया है कि Apple कर्मचारियों को उनके काम करने की परिस्थितियों और वेतन के बारे में बात करने से रोकता है। यहां तक कि उनके राजनीतिक गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है। यह भी आरोप है कि Apple की यह नीति कर्मचारियों की भविष्य की नौकरी के अवसरों को भी प्रभावित करती है।