गूगल ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) से बिजली खरीदने के लिए Kairos Power के साथ करार किया है। सोमवार को गूगल ने यह घोषणा की कि उसने कई छोटे रिएक्टरों से बिजली खरीदने के लिए यह समझौता किया है। गूगल का दावा है कि ऐसा करने वाला यह पहला टेक्नोलॉजी दिग्गज है।
इस करार के तहत गूगल 2030 तक SMR खरीदने वाला दुनिया का पहला कंपनी बनने का लक्ष्य रखता है। 2030 तक यह समझौता लागू होगा और 2035 तक और अधिक रिएक्टर उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा, गूगल के अन्य योजनाएं भी हैं जिनसे मौजूदा AI ढांचे को बेहतर बनाया जा सके। आइए, गूगल की आने वाली योजनाओं पर एक नजर डालते हैं।
AI के लिए न्यूक्लियर पावर
पिछले कुछ वर्षों में AI ने काफी लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन इसकी बढ़ती मांग ने ऊर्जा संयंत्रों की आवश्यकता को उजागर किया है। AI की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए गूगल ने Kairos Power के साथ साझेदारी की है। गूगल इस साझेदारी के माध्यम से AI के लिए स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है। कंपनी का लक्ष्य है कि भारत में AI की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक विश्वसनीय और स्थिर बिजली आपूर्ति तैयार की जाए।
अब सवाल उठता है कि SMR खरीदने से AI की संरचना कैसे बेहतर होगी? छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर पारंपरिक रिएक्टरों की तुलना में अधिक लचीले, संक्षिप्त और संभावित रूप से सस्ते होते हैं। इससे कंपनियों को न केवल सस्ती बिजली मिलेगी, बल्कि आपूर्ति श्रृंखला पर खर्च भी कम होगा। अधिकतर SMR साइट पर ही बनाए जाते हैं, जिससे लागत प्रभावी भी होते हैं। हालांकि, आलोचकों का मानना है कि SMR की कमी के कारण यह आर्थिक दृष्टि से एक बेहतर तरीका नहीं हो सकता।
हालांकि, Kairos Power को अमेरिकी परमाणु नियामक आयोग से पूरी डिजाइन और निर्माण की अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, इसे स्थानीय एजेंसियों से भी अनुमति लेनी होगी, जिसे एक साल लग सकता है।
अन्य अपडेट्स
गूगल लगभग 500 मेगावॉट बिजली खरीदने की योजना बना रहा है, जो छह से सात छोटे न्यूक्लियर पावर प्लांट से आएगी। फिलहाल, इन रिएक्टरों के स्थान और वित्तीय विवरण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
गूगल के ऊर्जा और जलवायु के वरिष्ठ निदेशक माइकल टेरेल ने कहा, “हमें लगता है कि न्यूक्लियर पावर हमारी मांग को स्वच्छ और 24×7 तरीके से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”
गौरतलब है कि AI की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गूगल अकेला नहीं है। पिछले साल Amazon ने Talen Energy से न्यूक्लियर पावर्ड डेटा सेंटर का अधिग्रहण किया था। इसके अलावा, Microsoft ने भी Constellation Energy के साथ एक डील साइन की थी, जिससे Pennsylvania के Three Mile Island रिएक्टर को सुधारने में मदद मिलेगी।