एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से उद्यमी बने विनायक सारवगी ने हाल ही में कॉलेज की प्रतिष्ठा और वेतन के बीच संबंध को लेकर एक बहस छेड़ दी है। उन्होंने अपने स्टार्टअप में इंटर्नशिप के लिए एक छात्र के साथ हुई व्हाट्सएप बातचीत का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें छात्र ने ₹10,000 के वेतन की वजह से प्रस्ताव ठुकरा दिया।
सारवगी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मुझे लगा था कि यह मानसिकता बदल रही है, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं है।” इसके साथ ही उन्होंने बातचीत का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।
छात्र ने संदेश में लिखा था, “मुझे खेद है, लेकिन मैं टियर-1 कॉलेज से हूं और यह वेतन मेरे लिए बहुत कम है। आशा है, आप समझेंगे।”
इसके जवाब में सारवगी ने केवल “ओके कूल” लिखकर प्रतिक्रिया दी।
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
सारवगी का यह पोस्ट इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आईं। इसके बाद, एक और स्क्रीनशॉट वायरल हुआ जिसमें सारवगी ने खुलासा किया कि इंटर्नशिप का वेतन ₹10,000 प्रति माह था।
इस खुलासे के बाद कुछ लोगों ने इतनी कम सैलरी की पेशकश करने पर सारवगी की आलोचना की।
एक यूज़र ने X पर तंज कसते हुए लिखा, “टियर-1 कॉलेज के छात्र ने ₹10,000 पर काम करने से इनकार कर दिया तो संस्थापक को दुख हो गया। इस देश से ज़मींदारी मानसिकता नहीं जाएगी।”
संस्थापक ने दी सफाई
सारवगी ने आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि वह अपने ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट के लिए इंटर्न्स को अपनी बचत से भुगतान कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा, “मुझे पता है कि यह स्टाइपेंड कम है, इसलिए मैं लचीले कार्य घंटे जैसी सुविधाएं देने की कोशिश करता हूं। कई अन्य लोग मुझसे ज्यादा वेतन दे रहे हैं। बिना पूरी जानकारी के मुझे ज़मींदार कहना सही नहीं है।”
सारवगी ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्र ने खुद उनकी पोस्ट देख कर उनसे संपर्क किया था। इसके बाद उन्होंने छात्र के साथ फोन पर बात की, जहां उन्होंने नौकरी की शर्तें, ₹10,000 मासिक वेतन और लचीले काम के घंटे की जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा, “छात्र को तय करना था कि वह पहले राउंड के लिए आएगा या नहीं। इसके बाद उसने यह मैसेज भेजा।”
‘टियर-1’ मानसिकता पर टिप्पणी
सारवगी ने यह भी कहा कि छात्र गलत नहीं था और उन्होंने उसे शुभकामनाएं दीं। उनका कहना था कि उन्होंने यह स्क्रीनशॉट इसलिए साझा किया ताकि यह दिखाया जा सके कि ‘टियर-1’ की बहस अब भी खत्म नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि कई अन्य उम्मीदवारों से भी उन्हें ₹10,000 के स्टाइपेंड को लेकर कड़े संदेश मिले हैं।