अमेरिकी बाजार में हाइपरपरैथायरायडिज़्म और रक्त में उच्च कैल्शियम स्तर का इलाज करने वाली दवाओं में खामियां सामने आने के बाद, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज़ 3.3 लाख से अधिक दवाओं को वापस बुला रही है।
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) की नवीनतम प्रवर्तन रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. रेड्डीज 3,31,590 सिनाकेल्सेट टैबलेट्स की विभिन्न खुराकों को बाजार से वापस मंगा रही है। यह कदम विनिर्माण प्रक्रिया में आई चूक (CGMP deviations) के कारण उठाया गया है।
क्या यह सवाल नहीं उठता कि इतनी बड़ी मात्रा में दवाओं में अशुद्धि कैसे आ सकती है? ऐसे हालात में आम जनता अपने स्वास्थ्य के प्रति कितनी निश्चिंत रह सकती है? FDA की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के पीछे सिनाकेल्सेट में N-नाइट्रोसो की अधिकता है, जो तय सीमा से ऊपर पाई गई है। न्यू जर्सी में स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज़, जो हैदराबाद की इस दिग्गज फार्मा कंपनी का हिस्सा है, 30 mg खुराक की 2,85,126 दवाएं वापस बुला रही है।
इसके अतिरिक्त, 60 mg और 90 mg खुराक में क्रमशः 35,880 और 10,584 बोतलें भी वापस मंगाई जा रही हैं। यह दवाएं भारत में निर्मित हुई थीं, और इस मामले में अक्टूबर 9 से ही क्लास II रिकॉल की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
USFDA के अनुसार, क्लास II रिकॉल तब किया जाता है जब उत्पाद का सेवन या संपर्क अस्थायी या चिकित्सा दृष्टि से प्रतिवर्ती स्वास्थ्य प्रभाव डाल सकता है, या गंभीर स्वास्थ्य हानि की संभावना बहुत कम होती है।
दुनिया में भारतीय फार्मा उद्योग का तीसरा स्थान है, लेकिन ऐसे मामलों से इस क्षेत्र पर सवाल उठना लाजमी है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि अमेरिकी जेनेरिक दवाओं का बाजार वर्ष 2019 में लगभग 115.2 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया था, जो दुनिया का सबसे बड़ा दवा बाजार है।