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Wednesday, October 9, 2024
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1 अक्टूबर से लागू होंगे वित्तीय बदलाव, आम जनता पर क्या पड़ेगा असर?

वित्तीय परिदृश्य में कई अहम बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होने वाले हैं। सरकार ने राष्ट्रीय लघु बचत (एनएसएस) और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खातों के लिए नए नियमों की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगे। जिन स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों की पॉलिसी मार्च में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नए उत्पाद नियमों के लागू होने से पहले जारी हुई थीं, उन्हें कम प्रतीक्षा अवधि और मॉरेटोरियम का लाभ मिलेगा।

आरबीआई का निर्देश: लोन की ब्याज दरों में पारदर्शिता सुनिश्चित

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे लोन की ब्याज दरों में पारदर्शिता सुनिश्चित करें। इसके लिए उन्हें एक प्रमुख तथ्य विवरण (Key Facts Statement, KFS) जारी करना होगा, जिसमें लोन की वास्तविक लागत और छिपे हुए शुल्क की जानकारी दी जाएगी, जिससे ग्राहकों को लोन के कुल खर्च को लेकर कोई भ्रम न रहे।

एनआरआई और नाबालिगों के पीपीएफ खातों के लिए नियमों में बदलाव

प्रवासी भारतीयों (NRIs) के पीपीएफ खातों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जो एनआरआई अपनी स्थिति बताए बिना पीपीएफ में निवेश कर रहे हैं, उनके लिए अब यह प्रक्रिया पहले जैसी नहीं रहेगी। 12 जुलाई से 30 सितंबर तक उनके पीपीएफ खातों पर डाकघर बचत खाता ब्याज दर लागू होगी, लेकिन 1 अक्टूबर से यह खाता शून्य ब्याज अर्जित करेगा। इसके साथ ही पुराने एनएसएस और सुकन्या समृद्धि खातों में भी कई बदलावों की घोषणा की गई है।

एचडीएफसी इनफिनिया कार्डधारकों के लिए रिवॉर्ड पॉइंट्स पर नई सीमाएँ

एचडीएफसी बैंक ने अपने इनफिनिया क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स की रिडेम्प्शन प्रक्रिया में 1 अक्टूबर से बदलाव करने की घोषणा की है। अब इनफिनिया कार्डधारक एक कैलेंडर तिमाही में केवल एक Apple उत्पाद ही रिडीम कर सकेंगे। इसी तरह, तानिष्क वाउचरों के लिए भी रिवॉर्ड पॉइंट्स की सीमा 50,000 पॉइंट्स प्रति तिमाही तक कर दी गई है।

क्लेरिटी होगी रिटेल लोन बोर्रोवर्स को

अब 1 अक्टूबर से रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों को ब्याज दरों और लोन की कुल लागत के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। बैंकों और एनबीएफसी द्वारा जारी किया जाने वाला KFS एक सरल और समझने योग्य सारांश होगा, जिसमें लोन से संबंधित सभी प्रमुख शर्तें, शुल्क और खर्चों की जानकारी होगी। आरबीआई ने निर्देश दिया है कि KFS को ग्राहकों द्वारा समझी जाने वाली भाषा में होना चाहिए।

पुरानी बीमा पॉलिसियों में बदलाव

IRDAI ने बीमा कंपनियों को 30 सितंबर तक अपनी पुरानी बीमा पॉलिसियों को नए उत्पाद नियमों के अनुसार संशोधित करने का निर्देश दिया था, जो मार्च में जारी किए गए थे। अब सभी बीमा पॉलिसियों में पूर्व-नियोजित बीमारी (प्रि-एग्ज़िस्टिंग डिजीज) की प्रतीक्षा अवधि अधिकतम तीन साल होगी, जबकि पहले यह चार साल थी। इसके अलावा, मॉरेटोरियम अवधि, जिसके बाद क्लेम पर केवल धोखाधड़ी के मामलों में आपत्ति उठाई जा सकती है, आठ साल से घटाकर पांच साल कर दी गई है।

म्यूचुअल फंड यूनिट्स के पुनर्खरीद पर टीडीएस हटा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में म्यूचुअल फंड या यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) द्वारा यूनिट्स की पुनर्खरीद पर 20% टीडीएस को वापस लेने का प्रस्ताव रखा था, जो 1 अक्टूबर से लागू होगा। वित्त अधिनियम, 2024 के तहत आयकर अधिनियम की धारा 194F को हटा दिया गया है, जिससे निवेशकों पर कर का बोझ हल्का किया जाएगा।

प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना 2024

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024 की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर से लागू होगी। यह योजना कर विवादों के समाधान की प्रक्रिया को सरल और तेज करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिससे मुकदमों की संख्या और उससे जुड़े खर्चों में कमी आएगी।

बायबैक टैक्स में बदलाव

1 अक्टूबर से बायबैक टैक्स संरचना में बदलाव किया गया है। पहले कंपनियों को बायबैक पर 20% कर देना होता था, जबकि निवेशकों को आय कर मुक्त मिलती थी। अब नई संरचना के तहत बायबैक आय को पूंजीगत लाभ की बजाय लाभांश के रूप में माना जाएगा और इसे निवेशकों की आयकर स्लैब के अनुसार कर योग्य किया जाएगा।

SEBI ने बोनस इश्यू प्रक्रिया को तेज किया

1 अक्टूबर के बाद घोषित सभी बोनस इश्यू अब रिकॉर्ड डेट के दो दिन बाद ही ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक सर्कुलर जारी कर यह बदलाव किया है, जो बोनस इश्यू के T+2 ट्रेडिंग को सक्षम करेगा, जहां T रिकॉर्ड डेट होगी।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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