भारत ने पीक-ऑवर बिजली आपूर्ति के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से 6,000 मेगावाट (MW) बिजली की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, जिसमें स्टोरेज की सुविधा भी शामिल है। यह जानकारी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एसजेवीएन द्वारा जारी एक निविदा में दी गई।
भारत मार्च 2025 तक रिकॉर्ड 35 गीगावाट (GW) सौर और पवन ऊर्जा क्षमता को अपने ग्रिड से जोड़ने की योजना बना रहा है, जिसका लक्ष्य 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता तक पहुंचना है।
एसजेवीएन ने अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम से बिजली की मांग की है, जो देशभर में राज्यों के बीच बिजली के वितरण का काम करता है। यह जानकारी शनिवार को ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित निविदा विज्ञापन से सामने आई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने इस वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) के दौरान 10 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी, जिससे कुल नवीकरणीय क्षमता लगभग 153 गीगावाट हो गई है।
इससे पहले, नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाह भूपिंदर सिंह भल्ला ने रॉयटर्स को बताया था कि देश को बैटरी-संबंधित स्टोरेज के लिए कई परियोजनाओं की उम्मीद है।