भारत में 10 मिनट में फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियों जैसे Swish और Zing ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। ये कंपनियां Zomato और हाल ही में लिस्टेड Swiggy की सफलता से प्रेरणा लेते हुए शहरों और अर्ध-शहरी इलाकों में ग्राहकों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्सुक हैं।
बेंगलुरु स्थित Swish ने हाल ही में सिलिकॉन वैली की वेंचर कैपिटल फर्म Accel से $2 मिलियन जुटाए हैं। इस फंडिंग राउंड में Urban Company के अभिराज भाल और वरुण खेतान, तथा Swiggy Instamart के पूर्व प्रमुख कार्तिक गुरुमूर्ति ने भी भाग लिया।
गुरुग्राम आधारित Zing ने अपने Android और iOS ऐप्स लॉन्च किए हैं, जो 10 मिनट में विभिन्न प्रकार के भोजन और स्नैक्स की डिलीवरी का दावा करते हैं। इसके साथ ही, यह ऐप विशेष छूट और लाइव ऑर्डर ट्रैकिंग सुविधाएं भी प्रदान करता है। पिछले वर्ष, शुरुआती चरण की वेंचर कैपिटल फर्म 100x.vc ने इस कंपनी में निवेश किया था।
बढ़ती मांग के पीछे कारण
Elara Capital के विश्लेषक करन तोरानी का मानना है कि “10 मिनट की डिलीवरी इसलिए लोकप्रिय हो रही है क्योंकि यह त्वरित सुविधा चाहने वाले ग्राहकों की जरूरत को पूरा करती है। पूरा इम्पल्स मार्केट बहुत बड़ा है और इसमें बड़े स्तर पर बढ़ोतरी की संभावना है।”
Swish के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिकेत शाह के अनुसार, तेज डिलीवरी की बढ़ती मांग को पूरा करने के विचार से इस स्टार्टअप की शुरुआत हुई। शाह ने कहा, “पहले त्वरित डिलीवरी को सिर्फ सुविधा के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब यह आवश्यक हो गई है। हालांकि अन्य क्षेत्रों में प्रगति हुई है, लेकिन फूड डिलीवरी का समय 30-60 मिनट के बीच ही रहता है, जो अब ग्राहकों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है।”
सीख रहे पुराने खिलाड़ियों से
नई कंपनियां Swiggy और Zomato जैसी स्थापित कंपनियों से सीखने की कोशिश कर रही हैं, जिन्होंने एक दशक के भीतर खुद को मजबूत और लिस्टेड कंपनियों के रूप में स्थापित किया है। Swiggy ने हाल ही में Bolt फीचर लॉन्च किया है, जो 10-15 मिनट में फूड डिलीवरी का वादा करता है। Zomato भी Zomato Instant के बाद अब Blinkit के माध्यम से स्नैक्स जैसे समोसा और चाय की त्वरित डिलीवरी की योजना बना रहा है।
Zepto भी तेजी से अपने कैफे विस्तार कर रहा है, जहां हर महीने कम से कम 140 नए कैफे लॉन्च हो रहे हैं। Zepto के सह-संस्थापक आदित पालिचा ने बताया कि “यह पहले ही ₹160 करोड़ की आय पर है और हम केवल 15% स्टोर्स में लाइव हैं। अगले साल तक यह ₹1,000 करोड़ तक पहुंच सकता है।”
चुनौतियां और संभावनाएं
तेज फूड डिलीवरी की राह में कई चुनौतियां भी हैं। Elara Capital के तोरानी का मानना है कि “10 मिनट में पिज्जा, बर्गर या बिरयानी जैसे लोकप्रिय फूड आइटम की डिलीवरी संभव नहीं है। यह केवल कन्फेक्शनरी और बेकरी आइटम्स के लिए काम करेगा।”
Praxis Global Alliance के शिवराज जयकुमार के अनुसार, “10 मिनट की डिलीवरी के लिए प्लेटफॉर्म्स को अतिरिक्त शुल्क लगाना पड़ सकता है क्योंकि यह एक लॉजिस्टिकल चुनौती है।”
Swish के शाह ने कहा कि कंपनी क्लाउड किचन के माध्यम से अपने फूड विकल्पों का विस्तार करेगी। मार्च 2025 तक, Swish बेंगलुरु में 150 ‘डिलाइट सेंटर’ स्थापित करने और अन्य प्रमुख शहरों में विस्तार करने की योजना बना रही है।
Swiggy, अपने हिस्से में, लोकप्रिय रेस्तरां से तैयार भोजन की त्वरित डिलीवरी की पेशकश करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
तीसरे खिलाड़ी के लिए जगह?
हालांकि नई कंपनियां इस क्षेत्र में संभावनाएं देख रही हैं, लेकिन तीसरे बड़े खिलाड़ी के लिए जगह है या नहीं, यह अभी बहस का विषय है। Swiggy और Zomato ने पहले भी अन्य कंपनियों को अधिग्रहित कर अपने कारोबार का विस्तार किया है।
Shah का कहना है कि भारतीय उपभोक्ता बाजार इतना बड़ा है कि कई कंपनियों के लिए जगह है। “हम मानते हैं कि तत्काल डिलीवरी की मांग वर्तमान TAM (कुल पता योग्य बाजार) से कहीं अधिक है। हम एक नया TAM बना रहे हैं,” उन्होंने कहा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का फूड डिलीवरी बाजार 2030 तक ₹2 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर सकता है, जिससे ग्राहकों के लिए नई कंपनियों के आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।