केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 28 नवंबर को राज्य सरकार और अदानी विजिनजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक पूरक रियायत समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा की। इस समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के पहले चरण का काम पूरा हो गया है और इसे अगले महीने चालू किया जाएगा।
गुरुवार को हुए इस समझौते के अनुसार, इस परियोजना को केरल के समुद्री ढांचे में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है। परियोजना के दूसरे और तीसरे चरण 2028 तक पूरे होने की उम्मीद है। इन चरणों में ₹10,000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश होगा, जिससे बंदरगाह की क्षमता 30 लाख टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) तक बढ़ जाएगी।
मुख्यमंत्री विजयन ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा,
“हमने अदानी विजिनजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के साथ पूरक रियायत समझौता किया है, जिससे परियोजना की अवधि 5 साल बढ़ाई गई है और दिसंबर तक पोर्ट चालू किया जाएगा। 2028 तक दूसरे और तीसरे चरण के पूरा होते ही ₹10,000 करोड़ का निवेश होगा, जिससे पोर्ट की क्षमता 30 लाख टीईयू तक बढ़ जाएगी। यह मील का पत्थर हमारे समग्र विकास और वैश्विक कनेक्टिविटी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
समझौते की अवधि कोविड-19 महामारी, ओखी चक्रवात और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण पांच साल बढ़ाई गई है।
हालांकि, देरी के कारण ₹219 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से ₹43.8 करोड़ राज्य सरकार को भुगतान किया जाएगा, जबकि शेष राशि 2028 तक रोकी जाएगी। अगर 2028 तक परियोजना पूरी नहीं हुई, तो पांच साल का विस्तार रद्द कर दिया जाएगा और रोकी गई राशि सरकार वसूल करेगी।
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में केरल के पोर्ट मंत्री वी. एन. वासवन ने कहा कि राज्य सरकार के हस्तक्षेप से विजिनजम इंटरनेशनल पोर्ट परियोजना का जल्द पूरा होना सरकार के राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करेगा।
मंत्री ने बताया कि पहले के समझौते के अनुसार, सरकार को पोर्ट के संचालन शुरू होने के 15वें साल से राजस्व का हिस्सा मिलना था, जो 2034 से शुरू होता। लेकिन मौजूदा समझौते के तहत सरकार को अब 2034 से ही राजस्व मिलने लगेगा, जबकि पहले देरी के चलते 2039 तक इंतजार करना पड़ता।
वासवन ने बताया कि पुराने समझौते में सरकार को केवल पहले चरण के राजस्व से हिस्सा मिलता। लेकिन अब 2028 तक सभी चार चरण पूरे हो जाएंगे और सरकार को कुल राजस्व का हिस्सा मिलेगा।
मंत्री ने यह भी बताया कि विजिनजम पोर्ट परियोजना के लिए ₹8,867 करोड़ की जरूरत है, जिसमें से ₹5,595 करोड़ राज्य सरकार वहन करेगी। यह राशि राज्य की वैबिलिटी गैप फंडिंग हिस्सेदारी, एक्सेस रोड निर्माण, भूमि अधिग्रहण, रेल कनेक्टिविटी और आजीविका हानि के मुआवजे के लिए निर्धारित है। अब तक राज्य सरकार ने ₹5,595 करोड़ में से ₹2,159.39 करोड़ खर्च किए हैं।
मंत्री ने बताया कि अदानी की हिस्सेदारी ₹2,454 करोड़ है, जबकि केंद्र सरकार का हिस्सा ₹817.80 करोड़ है। हालांकि, केंद्र की राशि अभी प्राप्त नहीं हुई है।