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Thursday, December 12, 2024
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भारत में Swiggy और Zomato की लड़ाई: IPO, लाभ और भविष्य की रणनीति

भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में Swiggy और Zomato के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। ये दोनों कंपनियां सिर्फ खाने के ऑर्डर के लिए नहीं बल्कि बोर्डरूम और ट्रेडिंग फ्लोर पर भी ध्यान आकर्षित कर रही हैं।

अक्टूबर में Swiggy का बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) बाजार में हलचल मचाने में सफल रहा। निवेशकों ने अनलिस्टेड शेयर खरीदने के लिए बढ़-चढ़कर रुचि दिखाई, जिससे ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ₹130 तक पहुंच गया। यह Zomato के धमाकेदार प्रदर्शन जैसा एक और मौका माना जा रहा था।

हालांकि, जैसे ही विश्लेषकों ने कैश फ्लो की कमी, लाभप्रदता में रुकावट और ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चेतावनी दी, GMP ₹2 तक गिर गया। IPO के पहले दिन Swiggy ने 7.6% प्रीमियम पर शुरुआत की और हरे निशान पर दिन समाप्त किया, लेकिन इसके बाद शेयर में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया।

Zomato के IPO के बाद भी यही पैटर्न देखने को मिला था। शुरुआती उछाल के बाद कंपनी के शेयर 70% तक गिर गए। हालांकि, Zomato ने वापसी करते हुए अपने न्यूनतम स्तर से 475% की वृद्धि दर्ज की।

वर्तमान में Zomato का मूल्यांकन DMart के बराबर है, हालांकि यह DMart की बिक्री का मात्र एक चौथाई और मुनाफे का आठवां हिस्सा ही कमा रहा है। यह भारतीय बाजार में विकास की कहानियों की मांग को दर्शाता है।

क्या Swiggy Zomato की राह पर चलकर वापसी कर पाएगा, या फिर Zomato का प्रदर्शन ही मानक बन चुका है?


भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में दबदबा

भारतीय फूड डिलीवरी बाजार अब Zomato और Swiggy के बीच बंट चुका है। Zomato का बाजार में 55% हिस्सा है, जबकि Swiggy 42% हिस्सेदारी के साथ पीछे है। हालांकि, यह 13% का अंतर Swiggy के लिए विकास की संभावनाएं भी खोलता है।

क्या नया खिलाड़ी इस बाजार में कदम रख सकता है?

संभावनाएं कम हैं।

  1. उच्च लागत: नए प्रवेशकों को ग्राहकों और रेस्टोरेंट्स को आकर्षित करने के लिए भारी निवेश करना होगा।
  2. बड़ा निवेश: इस क्षेत्र में अब तक ₹7,000 करोड़ का निवेश हो चुका है। नए खिलाड़ी को इसी स्तर का निवेश करना होगा, जो जोखिम भरा है।
  3. नेटवर्क प्रभाव: Zomato और Swiggy ने ग्राहकों और रेस्टोरेंट्स के साथ मजबूत संबंध बना लिए हैं। नए खिलाड़ी के लिए इस नेटवर्क को तोड़ना मुश्किल होगा।

विकास की संभावनाएं

वित्तीय वर्ष 2024 में भारतीय फूड डिलीवरी बाजार का सकल ऑर्डर मूल्य ₹60,000 करोड़ था, जिसमें Zomato और Swiggy का योगदान ₹58,000 करोड़ रहा। अनुमान है कि यह बाजार 2030 तक ₹2 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

लाभप्रदता पर सवाल

हालांकि उद्योग EBITDA-स्तर पर सकारात्मक है, लेकिन स्थायी लाभप्रदता एक बड़ी चुनौती है।

  1. कम मार्जिन: EBITDA मार्जिन 4-5% तक स्थिर हो सकता है।
  2. वर्तमान स्थिति: Zomato ने 3% EBITDA मार्जिन पर संतुलन बनाया है, जबकि Swiggy अभी भी घाटे में है।
  3. भविष्य की चुनौतियां: लागत को नियंत्रित करते हुए विकास बनाए रखना कठिन होगा।

क्यू-कॉमर्स: फूड डिलीवरी का नया युग

क्यू-कॉमर्स (Q-commerce) ने भारतीय बाजार में एक नई क्रांति ला दी है। कम समय में डिलीवरी और लागत प्रभावी मॉडलों ने इसे सफल बनाया है।

क्या इसे बनाए रखना आसान होगा?

  1. डार्क स्टोर्स: पारंपरिक स्टोर्स के बजाय डार्क स्टोर्स का उपयोग लागत और डिलीवरी में सुधार करता है।
  2. लॉजिस्टिक्स में दक्षता: सीधे डार्क स्टोर्स से डिलीवरी के कारण समय और लागत बचती है।

क्यू-कॉमर्स ने भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर खुद को स्थापित किया है। उद्योग जगत की बड़ी कंपनियां भी इस क्षेत्र में रुचि दिखा रही हैं।

Kavita Mishra
Kavita Mishrahttps://hindi.inventiva.co.in/
Kavita is a versatile content writer with a deep passion for news. Based in New Delhi, she has a keen interest in exploring the latest trends in the world of current affairs and delivering engaging content to her audience. Kavita has extensive experience working with Inventiva, where she honed her skills in content creation and developed a strong foundation in delivering high-quality, informative articles.
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